FLOP **** (News Rating Point) 14.03.2015
वैसे ही आप नेताओं के पास बुरी खबरों की कमी नहीं थी. अब दिल्ली के क़ानून मंत्री जीतेंद्र सिंह तोमर फर्जी डिग्री मामले में फंस गए हैं. यह खबर आते ही न्यूज़ चैनलों ने 13 मार्च को प्रसारित किया. अगले दिन अखबारों ने इसे प्रमुखता से छापा. कई अखबारों ने तो इसे पेज एक पर बेहतर डिस्प्ले के साथ छापा.
अमर उजाला ने 14 मार्च को लिखा- अंतर्कलह और ऑडियो टेपों से उठे विवाद का सामना कर रही आम आदमी पार्टी (आप) के सामने एक और मुसीबत खड़ी हो गई है. दिल्ली सरकार में कानून मंत्री जितेंद्र तोमर की डिग्री के फर्जी होने का मामला सामने आया है. उन पर आरोप है कि उन्होंने अवध विश्वविद्यालय से फर्जी स्नातक की डिग्री के आधार पर कानून की पढ़ाई की और फिर बतौर वकील पंजीकरण करवा लिया. दिल्ली उच्च न्यायालय ने तोमर, बार काउंसिल ऑफ इंडिया, दिल्ली बार काउंसिल, चुनाव आयोग सहित सात को नोटिस जारी कर इस मामले में जवाब मांगा है. न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने कहा कि यह मामला काफी गंभीर है. अदालत ने याचिकाकर्ता संतोष कुमार शर्मा के उस तर्क को भी खारिज कर दिया, जिसमें दायर याचिका को वापस लेने की इजाजत देने का आग्रह किया गया था. अदालत ने याची को फटकार लगाते हुए कहा कि आप पहले याचिका दायर कर तर्क रखते हैं कि यह काफी गंभीर मामला है और फिर याचिका वापस लेने का तर्क रखते हैं. अदालत ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया को निर्देश दिया कि वह इस मामले की जांच करे और हम अलग से सुनवाई करेंगे. याचिकाकर्ता शर्मा ने आरोप लगाया है कि तोमर ने अवध विश्वविद्यालय से फर्जी स्नातक की डिग्री के आधार पर भागलपुर विश्वविद्यालय से संबद्ध विश्वनाथ सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज कॉलेज में दाखिला लिया. वहां से कानून की डिग्री लेने के बाद दिल्ली बार काउंसिल में बतौर अधिवक्ता पंजीकरण करवा लिया. आरटीआई के जवाब में डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय-फैजाबाद के परीक्षा नियंत्रक ने 22 जनवरी 2015 को पत्र भेज कर बताया कि जांच के बाद स्पष्ट हुआ है कि तोमर की उपाधि, अंकपत्र एवं अनुक्रमांक पूरी तरह फर्जी हैं. दैनिक जागरण- न्यायाधीश राजीव शकधर ने तोमर, उत्तर प्रदेश के फैजाबाद स्थित अवध विश्वविद्यालय और बिहार के मुंगेर स्थित विश्वनाथ सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडी कॉलेज को नोटिस जारी कर 27 अप्रैल तक जवाब देने को कहा है.