(News Rating Point) 24.04.2016
कानपुर. कानपुर देहात के रसूलाबाद में एक दलित विकलांग को पीटे जाने और उसके चेहरे पर पेशाब करने का मामला सामने आया है। जिला अस्पताल में भर्ती दलित का आरोप है कि पुलिस ने एफआईआर में से चेहरे पर पेशाब करने की बात हटा दी। उसने शनिवार को मीडिया के सामने पुलिस पर केस दबाने का आरोप लगाया। वहीं, रसूलाबाद थाने के एसओ जितेंद्र यादव का कहना है कि तहरीर में चेहरे पर पेशाब करने का जिक्र नहीं था। दलित उत्पीड़न व अन्य धाराओं में केस दर्ज हो गया है। नवभारत टाइम्स ने लिखा कि उसरी गांव के दलित मझले और राजकिशोर सगे भाई हैं। राजकिशोर गांव के ही सुखवीर सिंह के यहां मजदूरी करता है। मझले के अनुसार, 2-3 दिन पहले सुखवीर ने राजकिशोर को काम पर चलने को कहा। राजकिशोर के इनकार पर सुखवीर ने उसे जमकर पीट दिया। इस पर मझले उसे लेकर रसूलाबाद थाने गया और शिकायत की। इसकी जानकारी मिलने पर शुक्रवार को राजवीर सिंह, रामवीर सिंह, सुखवीर सिंह, श्यामवीर और लल्लन ने मझले के घर में घुसकर उसे भी पीटा और उसके चेहरे पर पेशाब भी किया। मझले का आरोप है कि पुलिस ने एफआईआर में छेड़छाड़ की है।