HIT ** (News Rating Point) 14.11.2015
इस सप्ताह भाजपा में हाशिये पर डाल दिए गए बुजुर्ग नेताओं ने बिहार चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ मोर्चा खोेल दिया. ख़ास बात ये थी कि बयान तो 10 नवम्बर को जारी किया गया लेकिन उसमे डेट 12 नवम्बर थी यानी दिवाली का दिन…. लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, यशवंत सिन्हा और शांता कुमार ने एक बयान जारी कर कहा कि पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव की हार से कोई सबक नहीं सीखा. पार्टी की हार के लिए सबको जिम्मेदार बताने का मतलब यह है कि इसके लिए कोई जिम्मेदार नहीं है. मुट्ठी भर लोग पार्टी को गर्त में धकेल रहे हैं. आडवाणी, जोशी, शांता कुमार और यशवंत सिन्हा ने संयुक्त बयान जारी कर बिहार में भाजपा की हार की निष्पक्ष और विस्तृत समीक्षा करने की मांग की. साथ ही दो टूक शब्दों में यह कहा कि जिन लोगों ने इस चुनाव का संचालन किया, वे हार की ईमानदारी से समीक्षा नहीं कर सकते. बुजुर्ग नेताओं ने बीते एक साल में पार्टी की कार्यशैली में आए बदलाव पर भी गहरी नाराजगी जताई. साझा बयान में कहा गया है कि एक साल में पार्टी का आम सहमति वाला चरित्र खो गया है. इसकी भी समीक्षा होनी चाहिए कि चंद लोगों द्वारा मनमाने तरीके से पार्टी को चलाया जा रहा है. बुजुर्ग नेताओं की ओर से साझा बयान जारी करने से पहले आडवाणी के निवास पर जोशी और सिन्हा की बैठक हुई थी.
(अखबारों, चैनलों और अन्य स्रोतों के आधार पर)