HIT *** (News Rating Point) 05.12.2015
सांसद और आल इंडिया यूनाईटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के नेता बदरुद्दीन अजमल असम में होने वाले विधानसभा की धुरी बनने की खबरों के चलते चर्चा में रहे. भाजपा और कांग्रेस दोनों आल इंडिया यूनाईटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के फायदे-नुकसान को ध्यान में रखकर आंकलन कर रही है. अखबारों ने लिखा कि कांग्रेस असम में बिहार की तरह के किसी महागठबंधन के पक्ष में नहीं है लेकिन बीजेपी को हराने के लिए मित्र दलों के साथ एक प्रकार की ‘सहमति’ बनाने को लेकर इच्छुक है. असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने कहा कि कांग्रेस बेदारुद्दीन अजमल की अगुआई वाले एआईयूडीएफ के साथ बातचीत कर रही है लेकिन उसे लगता है कि अजमल की पार्टी का रुख बीजेपी के प्रति नरम है. नवभारत टाइम्स ने तरुण गगोई का बयान छापा कि मैं राजनीतिक गठबंधन की बात नहीं कर रहा. मैं एक प्रकार की समझ की बात कर रहा हूं. बिहार की तरह के महागठबंधन की बात नहीं कर रहा. असम में ऐसा संभव नहीं है, क्योंकि अगर हम लोग गठबंधन करते हैं तो हम लोगों को कई इलाकों में कई सीटें छोड़नी पड़ सकती हैं, जहां हम लोग मजबूत स्थिति में हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि हालांकि एआईयूडीएफ हमारी पार्टी से बातचीत कर रही थी लेकिन वह अगले साल अप्रैल-मई में होने वाले चुनाव में बीजेपी के साथ भी किसी तरह के गुप्त समझौते को लेकर संपर्क में थी. दरअसल बदरुद्दीन की पार्टी की राज्य की 34 प्रतिशत से अधिक की मुस्लिम आबादी में अच्छी पकड़ है.
(अखबारों, चैनलों और अन्य स्रोतों के आधार पर)