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HIT * (News Rating Point) 12.03.2016
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती इस सप्ताह अपने बयानों की वजह से चर्चा में रही. विधान परिषद् चुनाव में सपा की जीत पर उन्होंने इन ‘अप्रत्यक्ष चुनाव’ के परिणामों को माफिया तत्वों और सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल करके हासिल की गई सपा की ‘खोखली जीत’ करार दिया. उन्होंने कहा कि सपा द्वारा अपनी पीठ थपथपाना सस्ती मानसिकता और अपने गिरे हुए मनोबल को थोड़ा संभालने का असफल प्रयास है. जबकि मायावती ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ की पहली महिला अध्यक्ष रिचा सिंह को विभिन्न प्रकार से प्रताड़ित किए जाने और डराने-धमकाने की कड़ी निंदा की है. एक बयान में कहा कि लगता है कि इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रशासन और प्रदेश की सपा सरकार ने हैदराबाद यूनिवर्सिटी के दलित शोधछात्र रोहित वेमुला को आत्महत्या के लिए विवश किए जाने की दुखद घटना से कोई सबक नहीं सीखा है, वरना रिचा सिंह के साथ जो जुल्म-ज्यादती हो रही है, वह नहीं होती. बसपा मुखिया ने कहा कि रिचा सिंह का जुर्म सिर्फ इतना ही है कि उन्होंने उग्र और भड़कीले सांप्रदायिक भाषण देकर माहौल खराब करने वाले गोरखपुर से भाजपा सांसद योगी आदित्यनाथ को यूनिवर्सिटी कैम्पस में आमंत्रित किए जाने का विरोध किया था. इसके साथ ही जेएनयू में मनुस्मृति जलाने की घटना को मायावती ने गैर जरूरी बताते हुए कहा है कि आज के हालात में भाईचारे से ही जातिवाद को खत्म किया जा सकता है. उनके बयानों को अखबार और चैनलों ने प्रमुखता दी.
(अखबारों, चैनलों और अन्य स्रोतों के आधार पर)