Mayawati BSP

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HIT * (News Rating Point) 25.04.2015
इस पूरे सप्ताह बसपा सुप्रीमो मायावती खबरों में नज़र आयीं. कभी ट्विटर पर सक्रिय होने के चलते, कभी अपने सांसदों-विधायकों को अपनी एक महीने के सेलेरी किसानों को दान करने के निर्देश के चलते और कभी प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पर हमला बोलने के चलते.

BSP chief Mayawati on Sunday hit out at Prime Minister Narendra Modi for “overlooking” his “rajdharma” of finding solutions to the problems faced by the farmers for foreign trips, and asked all MPs and MLAs of her party to donate their one month’s salary directly to the peasants and not through the government.
– The Indian Express
To reach out to farmers in Uttar Pradesh, Bahujan Samaj Party president Mayawati has directed the MPs and legislators of the party to distribute their one month’s salary to distressed farmers in their constituencies.
– The Hindu
Ms Mayawati said that it was surprising to find that at a time when faremrs in north India were facing a major crisis due to unexpected weather conditions and had loss their crops, Prime Minister Narendra Modi and chief minister Akhilesh Yadav were enjoying foreign trips. “The ministers from the Centre and state are only posing for photographs in the fields but when it comes to distributing compensation, the governments are adopting a laid-back attitude,” she said.
– Deccan Chronicle
In an attempt to use farmers’ plight as a weapon against state and central Government Bahujan Samaj Party president Mayawati has asked its MPs and legislators to distribute their one month’s salary among the farmers of their areas.
– nyoooz
BSP supremo Mayawati on Thursday demanded a CBI inquiry into the suicide by a farmer at an AAP rally in the national capital.
– One India
सोशल मीडिया के जरिये समर्थकों, फॉलोवरों तक बात पहुंचाने की राजनेताओं की होड़ में अब बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती भी शामिल हो गई हैं. समय के साथ खुद को बदलते हुए बसपा प्रमुख 15 अप्रैल से ट्विटर पर सक्रिय है. मायावती ने ट्वीट की शुरुआत पार्टी द्वारा घोषित देशव्यापी किसान आंदोलन की कामयाबी के लिए समर्थन मांगने से की है. ट्वीट कर आगरा में चर्च पर हमले की निंदा करने के साथ ही बसपा प्रमुख ने मीडिया पर भी निशाना साधते हुए ट्वीट किया है कि मीडिया वाले करते हैं हमारी पार्टी से भेदभाव.
दैनिक जागरण
सोशल मीडिया के जरिए समर्थकों, फॉलोवरों तक बात पहुंचाने की राजनेताओं की होड़ में अब बसपा की मुखिया मायावती भी शामिल हो गई हैं. समय के साथ खुद को बदलते हुए बसपा प्रमुख 15 अप्रैल से ट्विटर पर सक्रिय है. मायावती ने ट्वीट की शुरुआत पार्टी द्वारा घोषित देशव्यापी किसान आंदोलन की कामयाबी के लिए समर्थन मांगने से की है. ट्वीट कर आगरा में चर्च पर हमले की निंदा करने के साथ ही बसपा प्रमुख ने मीडिया पर भी निशाना साधते हुए ट्वीट किया है-मीडिया वाले करते हैं हमारी पार्टी से भेदभाव.”
नई दुनिया
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राजधर्म निभाने की नसीहत देते हुए कहा है कि विदेश यात्राओं का बखान करने के बजाए बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से पीड़ित किसानों की चिंता करें. जनता को बताएं कि महंगाई, गरीबी व बेरोजगारी दूर करने के बड़े-बड़े चुनावी वादों को क्यों नहीं पूरा किया गया है? मायावती ने प्रधानमंत्री के साथ ही उप्र के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा है कि किसान मर रहे हैं और वह विदेश में सैर-सपाटा कर रहे हैं. मंत्री खेत में जाने की फोटो छपवा रहे हैं, लेकिन पीड़ित किसानों को उचित मुआवजा मिलना तो दूर उन्हें फौरी राहत तक नहीं मिल रही है. बड़े-बड़े दावों के बावजूद बीमा योजनाओं से भी पीड़ित किसानों को क्षतिपूर्ति नहीं मिल पा रही है.
दैनिक जागरण
राज्यसभा सदस्य जुगुल किशोर अभी तक भले ही बीएसपी में हों लेकिन उनकी आस्था अब बीएसपी में नहीं है. बीएसपी से बागी हुए जुगुल किशोर ने कांशीराम को भारत रत्न दिए जाने की मांग करते हुए पीएम नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा और व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात भी की. राज्यसभा सदस्य जुगुल किशोर हों चाहे पूर्व मंत्री दद्दू प्रसाद, पिछले कुछ महीनों में बीएसपी को छोड़ने वाले सभी बागियों के निशाने पर वही वोट बैंक हैं, जिसके लिए मायावती जी जान लगाए हुए हैं. बीएसपी प्रमुख मायावती ने रविवार को घोषणा की कि पार्टी के विधायक व सांसद अपने एक माह का वेतन किसानों को मदद करने में देंगे. जबकि पार्टी छोड़ कर अलग हुए पूर्व मंत्री दद्दू प्रसाद पिछले कई दिनों से बुंदेलखंड के अलग-अलग क्षेत्रों में किसानों को अपने स्तर से आर्थिक मदद दे रहे हैं.
नवभारत टाइम्स
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि केंद्र और विभिन्न राज्य सरकारों को दलगत राजनीति त्याग कर बेमौसम बारिश से त्रस्त किसानों की आर्थिक सहायता के लिए तत्काल उचित और समुचित कदम उठाने चाहिए. राज्यसभा में मायावती ने कहा कि आपदा पीड़ित किसानों को मुआवजा देने की प्रक्रिया सरल बनानी चाहिए और साथ ही इस प्रक्रिया से किसानों को तुरंत लाभ मिलना चाहिए. उन्होंने पीड़ित किसानों का बैंकों और साहूकारों से लिया कर्ज माफ करने की भी मांग की. उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को बातें कम और काम ज्यादा करना चाहिए. मायावती ने जंतर मंतर पर आत्महत्या करने वाले किसान को लेकर भी दुख जाहिर किया.
अमर उजाला
मंगलवार को आम आदमी पार्टी की किसान रैली में दौसा के किसान गजेंद्र द्वारा खुदकुशी किए जाने के मामले में बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने CBI जांच की मांग की है. राज्यसभा में बजट सत्र के दूसरे चरण में गुरुवार को बोलते हुए बीएसपी सांसद ने कहा कि इस बात की जांच की जानी चाहिए कि कहीं इस घटना को राजनीतिक लाभ लेने के लिए तो नहीं किया गया.
ज़ी न्यूज़
बसपा प्रमुख का कहना है कि पीडि़त किसानों को किसी तरह की मदद के नाम पर केंद्र व राज्य सरकारें सिर्फ कागजी खानापूर्ति व दिखावटी कार्य ही करने में लगी हैं. फौरी राहत के अभाव में पीडि़त किसान आत्महत्या करने को मजबूर न हों इसके लिए आज मायावती ने पार्टी के राज्यसभा सांसदों व विधायकों को निर्देश दिया है कि वे सभी अपने एक माह के वेतन को सरकारी माध्यम से वितरित करने के बजाय क्षेत्र के गरीब व कर्ज के बोझ से डूबे किसानों के बीच जाकर स्वयं ही वितरित करें.
दैनिक जागरण
मायावती ने प्रधानमंत्री के साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर भी निशाना साधा. बसपा सुप्रीमो ने रविवार को कहा कि राज्य में किसान मर रहे हैं और मुखिया विदेश में सैर-सपाटे पर हैं.
नई दुनिया
मायावती ने अपने सांसदों और विधायकों को निर्देश दिया कि वे सभी अपना एक महीने का वेतन सरकारी माध्यम से वितरित करने की बजाय स्वयं तुरंत अपने-अपने क्षेत्र के पीड़ि‍त किसान परिवारों के पास जाकर राहत के तौर पर राशि तत्काल उपलब्ध कराएं.
आजतक
बसपा के सभी सांसद और विधायक एक महीने की तनख्वाह बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को देंगे. यही नहीं सांसदों और विधायकोंं को साफ निर्देश दिए गए हैं कि वे ये राशि सरकार को ना देकर सीधे अपने क्षेत्र के किसानों को जाकर दें.
राजस्थान पत्रिका
वहीं, बीएसपी ने अपने विधायकों और सांसदों को कहा है कि वह एक महीने का वेतन प्रभावित किसानों को दें वह भी सरकार के थ्रू नहीं बल्कि डायरेक्ट.
आईनेक्स्ट
बसपा सुप्रीमों मायावती ने भी पार्टी के सभी सांसदों व विधायकों को अपना एक महीने का वेतन प्रभावित किसानों को देने का फरमान सुनाया है.
तरुणमित्र

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