चिकित्सा, पीडब्ल्यूडी, पशुपालन के अफसर बने फजीहत का सबब, जांच के आदेश

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नितिन श्रीवास्तव
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चिकित्सकों और लोक निर्माण विभाग के अभियंताओं के तबादले में हुई गड़बड़ियों की जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इसके लिए दो कमेटिंयां गठित कर चिकित्सा विभाग की रिपोर्ट दो दिन में और लोक निर्माण विभाग की एक दिन में मांगी है। जांच की यह खबर लखनऊ के ज्यादातर अखबारों की लीड खबर बनी है। दैनिक जागरण, अमर उजाला, हिंदुस्तान, नवभारत टाइम्स सहित कई अन्य अखबारों ने इसे प्रमुखता से छापा है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने पशुपालन विभाग में उपकरण और दवा खरीद के घोटाले की जांच के भी आदेश दिए हैं। हिंदुस्तान अखबार ने इस खबर को प्रमुखता से छापा है।


उत्तर प्रदेश में चिकित्सकों और लोक निर्माण विभाग के अभियंताओं के तबादले में हुई गड़बड़ियों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने वरिष्ठ आइएएस अधिकारियों की दो टीमें बनाकर उन्हें इसकी जांच सौंपी है।
मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय भूसरेड्डी की कमेटी प्रांतीय चिकित्सा संवर्ग में तबादलों में हुई गड़बड़ियों की जांच करेगी तो कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह और अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी लोक निर्माण विभाग में हुए तबादलों की जांच कर रिपोर्ट देंगे।
इनके अलावा हिंदुस्तान ने लिखा कि पशुपालन विभाग में दवा और उपकरण खरीद में हुए घोटाले की जांच दो वरिष्ठ आई.ए.एस. अधिकारियों की टीम करेगी। इस टीम में कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह और अपर मुख्य सचिव कार्मिक डा. देवेश चतुर्वेदी शामिल किये गये हैं। मुख्यमंत्री ने इस मामले की जांच रिपोर्ट एक हफ्ते के अन्दर तलब की है।
शुरुआती पड़ताल में करीब 50 करोड़ रुपये की दवा व सामग्री तय प्रक्रिया को ताक पर रखकर खरीदने का खुलासा हुआ है। कई दवाएं जांच में घटिया साबित हुई हैं। उपकरण भी मनमानी दरों पर खरीदे गए।

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