नवल कान्त सिन्हा
(News Rating Point) 26.06.2016
पहले ज़रा एक दूसरे देश की घटना सुन लीजिये. बात है ही इसी 18 जून की. कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन चीन में बिना हेलेमेट पहने बाइक चला रहे थे. ट्रैफिक नियम तोड़ने पर उन पर जुर्माना लगा दिया गया. कोह कॉन्ग प्रॉविन्स में मोटरबाइक राइड के दौरान हेलमेट न लगाने की वजह से ट्रैफिक पुलिस ने उन पर वहां के ट्रैफिक लॉ के आर्टिकल-6 को नजरअंदाज 250 रुपए का जुर्माना लगाया. दरअसल हुन सेन 18 जून को कोह कोंग गए थे. इस दौरान वह अपनी कार से उतर गए और सड़क किनारे एक मोटर-टैक्सी ड्राइवर के पास गए. इसके बाद उन्होंने मोटरसाइकिल मालिक के साथ करीब 250 मीटर तक बिना हेल्मेट पहने मोटरबाइक चलाई. इसकी वजह से ट्रैफिक पुलिस ने उन पर जुर्माना लगाया. और सोचिये वो थे तो एक देश के प्रधानमंत्री लेकिन इस घटना के लिए अगले ही दिन उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पर माफी मांग ली. उन्होंने लिखा कि “मैं जानता हूं कि मैंने गलती की है, इसलिए मैं सार्वजनिक तौर पर माफी मांगता हूं. पुलिस ने भी मुझ पर इसलिए फाइन लगाया क्योंकि मैंने गलती की थी.” हुन सेन ने कहा कि ‘मैं जुर्माना मंजूर करता हूं. मैं अपना और मोटरबाइक के मालिक का जुर्माना भरूंगा.’ इसके बाद पीएम ने शुक्रवार को जुर्माना भी भर दिया. इसी के साथ ही हुन सेन ने ट्रैफिक पुलिस की तारीफ भी की और कहा कि उन्होंने बिना भेदभाव किए नियम-कानून कायम रखने की अपनी जिम्मेदारी निभाई.
अब आइये अपने उत्तर प्रदेश में जहां मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कसम खाई है कि चाहे कुछ भी हो जाए, वह अपनी पार्टी में गुंडों और माफियाओं को नहीं घुसने देंगे. अम्बेडकरनगर के भीटी में एक सिपाही है शौकत अली. राज्यमंत्री शंखलाल मांझी भीटी थाना क्षेत्र के गांव रामपुर गिरंट में तेरहवीं भोज में आए थे. उस समय इफ्तारी की वक्त हो गया. सिपाही शौकत अली वहीं बगल में रोजा खोलने लगा. इसी बीच किछूटी गांव के एक व्यक्ति ने किसी काम को लेकर सिपाही की शिकायत मंत्री से कर दी. बस फिर क्या था मंत्री जी का पारा सातवें आसमान पर पहुँच गया. सिपाही का कहना है कि मंत्री जी उसकी इज्ज़त उतारने में कोई कोरकसर न छोड़ी बल्कि गालियाँ दी. एक नमाजी के रोज़े में बाधा डाली. होना क्या था पीड़ित ने थाने लौटने पर सीओ और थानाध्यक्ष को तहरीर दी. लेकिन ज़ाहिर है कुछ नहीं हुआ. अफसरों ने तो कह दिया कि कोई शिकायत ही नहीं आयी है. मंत्री जी भी बोले कि उस सिपाही के खिलाफ खुद शिकायत है और वह मेरे खिलाफ अनर्गल प्रलाप कर रहा है. अब सोचिये कि कहाँ मंत्री जी और कहा अदना सिपाही.
चलिए छोडिये मंत्री जी को ही सही मान लीजिये. दूसरी कहानी सुन लीजिये. इसी अम्बेडकरनगर के इब्राहिमपुर थाने का मामला है. समाजवादी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं राममूर्ति वर्मा… सही पहचाना, वही मंत्रीजी जिन पर एक पत्रकार को पेट्रोल डलवा कर ज़िंदा जलवाने का आरोप लगा था. एक बार फिर विवादों में हैं. मामला कुछ यूं है कि दरोगा से मंत्री जी फोन पर किसी अपने की पैरवी कर रहे थे. दरोगा के उनकी मन की न सुनने पर मंत्रीजी भड़क गए. फिर क्या यूपी में सबकुछ पर तो कंट्रोल है लेकिन मां-बहन पर कहाँ ? तो ज़ाहिर है मंत्रीजी ने दरोगाजी की मां की शान में गुस्ताखी कर दी. हां हां वही, माँ की गालियों से नवाज़ दिया. अब सोचो दरोगा भी किसी से कम नहीं.. बोला- वह चाहें तो खुशी से किसी दूसरे जनपद में उसका ट्रांसफर करा दें. उसे कोई दिक्कत नहीं. अब बताइये उत्तर प्रदेश के समाजवादी मंत्री हैं दो-चार गालियाँ दे भी दीं तो कौन सा पहाड़ टूट पड़ा. दरोगा संजय यति ने एक तो बिना पूछे मंत्री जी की गालिया रिकार्ड करीं और उस पर उसे वायरल भी कर दिया. अब बताइये मंत्री की बात भी नहीं सुनेंगे और गालिया भी नहीं खाना चाहेंगे, ऐसा कैसे चलेगा. कुछ पुलिसवाले समझना ही नहीं चाहते कि रिश्ते में तो वो तुम्हारे बाप होते हैं और नाम है यूपी के मंत्रीजी !
[box type=”info” head=”नोट”]सिर्फ हास्य-व्यंग्य है, दिल पर न लें… किसी का कलेजा दुखाना कभी किसी हास्य-व्यंग्य का मकसद नहीं हो सकता, सचमुच… फिर भी बुरा लगा तो- हमसे भूल हो गयी हमका माफी दई दो… नहीं तो फोन कर दो, मेल कर दो- आइंदा आपसे बचकर चलेंगे भैया…[/box]