लखनऊ। सामाजवादी पार्टी से कानपुर के विधायक इरफान सोलंकी की जबरदस्त फजीहत हो रही है। अखबारों और टीवी चैनलों पर इरफान खुद पर लगे आरोप के चलते खबर में रहें। उन पर और उनके भाई रिजवान पर एक महिला ने गंभीर आरोप लगाया है। महिला का आरोप है कि विधायक इरफान सोलंकी और उसके भाई रिजवान ने उसकी झोपड़ी में आग लगा दी, जिससे उसका समान जलकर खाक हो गया। वहीं, बुधवार को जब सपा विधायक लखनऊ स्थित प्रदेश कार्यालय पहुंचे तो मीडिया से उन्होंने कहा कि यदि वे कह रही हैं कि मकान मेरा है तो कागजात दिखाएं। मुझे जानबूझ साजिश के तहत फंसाया जा रहा है, जो महिला आरोप लगा रही है, वे आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं। इसके साथ ही यह भी कहा कि इस संबंध में मैं डीजीपी से मुलाकात कर न्याय की मांग करूंगा।
सपा विधायक ने पुलिस पर भी बदतमीजी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कानपुर कमिश्नर इस पूरे मामले की जांच करवा लें, अगर मैं दोषी हूं तो कार्रवाई करें, लेकिन महिला पेपर तो दिखाए कि वो मकान उसी का है। इरफान के मुताबिक, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना से भी इसको लेकर मेरे परिवार ने मुलाकात करते हुए कमेटी गठित कर निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की है, क्योंकि मुझे इसमें राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। विधायक ने दावा करते हुए कहा कि जिस समय यह घटना हुई, उस दौरान मैं पार्टी कार्यालय में था।
पीड़ित महिला मूल रूप से प्रयागराज की रहने वाली है। महिला की ओर से दी गई तहरीर में बताया गया है कि जिस दिन घटना को अंजाम दिया गया, उस समय पूरा परिवार शादी समारोह में शामिल होने के लिए गया था। पीड़िता के अनुसार उनके पिता का जाजमऊ के केडीए डिफेंस कॉलोनी में प्लॉट है। इसका मुकदमा न्यायालय में विचाराधीन है। पीड़िता की तहरीर पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। वहीं, पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने मामले को गंभीरता से लेते हुए। जाजमऊ एसओ अभिषेक शुक्ला को निलंबित कर दिया है।
एसओ अभिषेक शुक्ला पर आरोप है कि महिला की तहरीर के बावूजद भी उन्होंने विधायक और उनके भाई के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। पीड़िता का आरोप है कि मामले में एसओ अभिषेक शुक्ला दबाने में जुटे रहे। पीड़ित महिला ने पूरे मामले की शिकायत पुलिस कमिश्नर से की। उन्होंने पीड़िता को न्याय का भरोसा दिलाते हुए केस दर्ज करने का आदेश दिया है। वहीं, पुलिस ने देर रात महिला की तहरीर पर मामला दर्ज किया। साथ ही आरोपी विधायक के भाई की गिरफ्तारी के लिए दोनों के घरों पर दबिश दी गई, लेकिन आवास पर पुलिस को विधायक समेत उनके भाई नहीं मिले।