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HIT **** (News Rating Point) 30.04.2016
कांग्रेस विधायक मोहम्मद सदीक सुप्रीम कोर्ट के पंजाब में भदौड़ विधानसभा सीट से जनवरी 2012 चुनाव में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट के चुनाव को सही ठहराए जाने की वजह से चर्चा में आये. न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और प्रफुल्ल सी पंत की पीठ ने 7 अप्रैल, 2015 को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के उस फैसले को निरस्त कर दिया, जिसमें कहा गया था कि एक मुस्लिम होने के नाते सदीक अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित सीट से चुनाव नहीं लड़ सकते थे. शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार दरबारा सिंह गुरु ने सदीक के चुनाव को चुनौती दी थी. सदीक ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. शीर्ष अदालत ने कहा कि सदीक 13 अप्रैल, 2006 को सिख धर्म अपना लिया था और इस तथ्य को 4 जनवरी, 2007 को समाचार पत्रों में प्रकाशित करवा दिया था. इससे पहले, उसने एक सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र हासिल कर लिया था, जिसमें उसे ‘डूम’ समुदाय से संबंधित बताया गया था, जो कि अनुसूचित जाति क अंतर्गत आता है. शीर्ष अदालत ने कहा कि बेशक, अपीलार्थी मुस्लिम माता-पिता के यहां पैदा हुआ था.हालांकि, उन्होंने साबित कर दिया है कि उनके परिवार के सदस्य इस्लाम को मानते थे लेकिन वे डूम समुदाय से संबंधित थे. यह कानून है कि एक व्यक्ति अपने धर्म और मत को बदल सकता है, लेकिन जाति को नहीं जिससे वह संबंधित है क्योंकि जाति संबंध जन्म से है.’ सदीक की दलील थी कि उसने अपना मुस्लिम नाम नहीं बदला क्योंकि वह उसके साथ एक लोकप्रिय गायक बन गया था, लेकिन उसने सिख धर्म के संस्कारों और परंपराओं का पालन किया.
(अखबारों, चैनलों और अन्य स्रोतों के आधार पर)