Mukul Roy

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FLOP * (News Rating Point) 07.03.2015
लम्बे समय तक तृणमूल कांग्रेस में नंबर दो कहे जाने वाले ​मुकुल राॅय को पार्टी के तमाम पदों से हटा दिया गया. उनकी भाजपा से बढ़ती निकटता भी चर्चा में है. जैसा वह खुद कह रहे हैं कि ​तृणमूल में उन्हें रखने का फैसला पार्टी नेतृत्व को तय करना है… फिलहाल वह वर्तमान परिस्थितियों का लुत्फ उठा रहे हैं.. साफ़ है कि उन्हें अब बेहतर रास्ते तलाशने हैं. अमर उजाला ने एक मार्च को लिखा- पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लंबे समय तक अपने करीबी रहे और तृणमूल कांग्रेस में नंबर दो कहे जाने वाले ​​मुकुल राॅय को पार्टी के तमाम पदों से हटा दिया है​.​ शुक्रवार को ममता बनर्जी की अध्यक्षता में हुई पार्टी की बैठक में इसका फैसला लिया गया था​.​ इस बैठक में मुकुल को भी बुलाया गया था लेकिन उन्होंने बजट के दिन संसद में मौजूद रहने की दलील देकर इस बैठक में शामिल होने से इंकार कर दिया था​.​ उधर सभी पदों से हटाए जाने पर टिप्पणी करते हुए मुकुल राय ने कहा है कि यह एक तदर्थ कार्यसमिति है​.​ इसमें फेरबदल करना पार्टी अध्यक्ष का विशेषाधिकार है​. ​इससे यह साफ हो गया है कि कभी आंख मूंद कर मुकुल पर भरोसा करने वाली ममता का अब उनसे पूरी तरह भरोसा उठ गया है​.​ मुकुल ने हाल ही में दिल्ली में वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी​.​ उसके बाद ही ऐसी अटकलें लगने लगीं थी​ . दैनिक जागरण ने लिखा- ममता-मुकुल के बीच चल रहा मौन युद्ध अंतिम चरण में पहुंच गया है. शनिवार को कालीघाट स्थित मुख्यमंत्री आवास पर हुई तृणमूल कार्यसमिति की बैठक में पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय महासचिव पद से भी हटा दिया. इससे पहले मुकुल रॉय को राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस नेता के पद से हटाया गया था. मुकुल को पार्टी की कार्यकारिणी से भी बाहर कर दिया गया है. दो मार्च को दैनिक जागरण ने लिखा- तृणमूल कांग्रेस के सभी पदों से हटाए जाने के बाद मुकुल रॉय ने दबाव की रणनीति बनाई है. रविवार को उन्होंने निजाम पैलेस में संवाददाताओं से कहा कि तृणमूल में उन्हें रखने का फैसला पार्टी नेतृत्व को तय करना है. फिलहाल वह वर्तमान परिस्थितियों का लुत्फ उठा रहे हैं. उनके साथ जो कुछ हुआ, वह सही है या गलत, यह आने वाला समय बताएगा. मुकुल शनिवार रात कोलकाता लौटे और अपने पैतृक निवास कांचरापाड़ा गए. रविवार सुबह निजाम पैलेस स्थित अपने सरकारी आवास पर उन्होंने समर्थकों के साथ बातचीत की और पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए. उन्होंने भाजपा में जाने की संभावना से इन्कार करते हुए कहा कि वह तृणमूल में हैं और पार्टी के राज्यसभा सांसद हैं. पार्टी उन्हें रखे या निकाले पर जनता हमेशा उनके साथ है. मुकुल के इस बयान पर तृणमूल कांग्रेस नेताओं ने उन पर हमला बोला. टाइम्स ऑफ़इंडिया ने लिखा- Mukul Roy is probably the only party MP who hasn’t received an invite from the party supremo Mamata Banerjee for an informal meeting on Monday evening in New Delhi. But, it didn’t stop state minister Firhad Hakim to take part in a Holi celebration with Roy loyalist and party MLA Sabyasachi Dutta. Is the party piling pressure on Roy by singling out his loyalists to toe the party line? Mamata may leave for New Delhi on Sunday and is likely to remain in the Capital till Thursday. On Monday, she has a packed schedule with meetings with Prime Minister Narendra Modi — likely to take place at 1pm — and Union finance minister Arun Jaitley. Later in the evening, she will interact with her MPs at the party Lok Sabha chief whip Kalyan Banerjee’s residence. While all MPs have received invites, Roy claimed that he is yet to receive an intimation. On being asked whether Roy has been invited, party spokesperson and Rajya Sabha leader Derek O’ Brien replied: “No.”
डीएनए ने लिखा- A Trinamool Congress MLA, close to out-of-favour senior party leader Mukul Roy, backed the party leadership on Friday amid a deepening divide between Roy and party supremo Mamata Banerje, saying “if there are small stones in rice, they should be separated”. “There can be two or four small stones in rice. Remove them (stones), but don’t throw away the rice,” was what TMC MLA Sabyasachi Dutta said apparently referring to dissidents. टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने लिखा- BJP national secretary Siddharth Nath Singh reiterated his denial of speculations about former Trinamool Congress (TMC) general secretary Mukul Roy joining the BJP. He had made similar statements on Monday.

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