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HIT * (News Rating Point) 18.06.2016
सप्ताह की शुरुआत में भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी को पार्टी के हाशिए पर डाल दिए जाने की खबरों के बाद उनके राष्ट्रपति के लिए संभावित प्रत्याशी होने के खबरों ने ग्राफ चढ़ाया. दरअसल कभी अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी के बाद पार्टी के तीसरे मजबूत स्तम्भों में गिने जाने वाले जोशी को इलाहाबाद में हो रही भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में बेगाने से लगे. शहर में लगे कार्यकारिणी के पोस्टरों तक में भी जोशी को कहीं जगह नहीं मिली है. जबकि मुरली मनोहर जोशी इलाहाबाद से तीन बार लोकसभा सांसद रहे हैं और वह शहर में दो दिनों से थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें बिल्कुल तवज्जों नहीं दी. लेकिन रैली के दिन से जोशी अचानक छा गए. अख़बारों ने लिखा कि अपने ही शहर में दो दिनों तक बेगाने से रहे मार्गदर्शक मंडल के सदस्य और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी के प्रति मोदी का प्यार अचानक ही नहीं उमड़ा. संगम नगरी में दो दिनों तक हाशिए पर रहने के कारण जोशी राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक में शामिल नहीं हुए थे. दूसरे दिन भी उन्हें कार्यसमिति में तीसरी पंक्ति में स्थान मिला. मीडिया से लेकर स्थानीय नेताओं में इसको लेकर बातें भी उठीं. रैली के दौरान मोदी यह खतरा उठाना नहीं चाहते थे. शायद इसीलिए जोशी के लिए ‘खास’ इंतजाम किए गए. उन्हें आडवाणी के साथ न सिर्फ मंच पर स्थान मिला, बल्कि अपने लगभग चालीस मिनट के भाषण में मोदी ने उनका तीन बार नाम लिया. इसके बाद राष्ट्रपति पद के लिए नाम उछलने की वजह से जोशी खबरों में रहे.
(अखबारों, चैनलों और अन्य स्रोतों के आधार पर)
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