Navneet Sehgal, IAS, Uttar Pradesh

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(News Rating Point) 14.04.2016
लखनऊ. आइए! मोहब्बत का ‘ताज’, चंबल का रहस्य और देवा-काशी की आस्था रुपहले पर्दे पर दिखाइए और तीन करोड़ की मदद लीजिए। सुरक्षा तो मिलेगी ही, सरकारी हवाई अड्डों के मुफ्त इस्तेमाल की आजादी भी है। फिल्म बंधु की यह नीति परिणाम देने लगी है। कई निर्माताओं ने अब यूपी में फिल्म बनाने की ख्वाहिश जतायी है तो केंद्र सरकार ने राज्य को ‘फिल्म फ्रेंडली स्टेट’ का दर्जा दिया है। राज्य सरकार ने गुजरे अक्टूबर में ‘फिल्म नीति-2015’ बनायी थी। कलाकारों को सुरक्षा देने से लेकर चिह्न्ति स्थानों पर शूटिंग के लिए कुछ संसाधन राज्य सरकार उपलब्ध करा रही है। हां, इसके बदले में प्रदेश के कलाकारों को अभिनय का मौका देने की शर्त रखी गयी है। यहां के कलाकार फिल्म निर्माताओं के मानक पर खरे उतरें, इसके लिए प्रतिवर्ष 20 छात्र-छात्रओं को सरकार अपने खर्चे पर पुणो व कोलकाता में पढ़ाएगी। पहला बैच पढ़ाई कर रहा है।
दैनिक जागरण ने लिखा कि सरकार ने प्रदेश में फिल्म की शूटिंग करने वाले प्रत्येक निर्देशक व निर्माता को दो लाख इक्यावन हजार का पुरस्कार देने का निर्णय किया है। फिल्म बंधु के अध्यक्ष नवनीत सहगल का कहना है कि वर्ष 2016 में पहली बार यह पुरस्कार दिए जाएंगे। फिल्म का 75 फीसद हिस्सा प्रदेश की लोकेशनों में फिल्माए जाने पर राज्य सरकार फिल्म निर्माता को अधिकतम तीन करोड़ रुपये की मदद दे सकती है। इसके लिए निर्माता को निदेशक, फिल्म बंधु के नाम आवेदन करना होता है जिसमें निर्माता-निर्देशक का नाम, फिल्म के लेखक व कलाकारों के नाम, फिल्म में यूपी के कितने कलाकारों को मौका दिया गया और फिल्म का कितना हिस्सा राज्य में शूट किया गया, यह ब्योरा एक फार्म पर भरकर निदेशक फिल्म बंधु के यहां जमा करना होता है।

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