एनआरपी डेस्क
लखनऊ। छोटे इमामबाड़े की अनदेखी को लेकर अमर उजाला ने खबर लिखी है। खबर के अनुसार, कोर्ट और प्रशासन ने लगभग 11 वर्षों 50 से अधिक आदेश दिए, फिर भी छोटा इमामबाड़ा का जीर्णोद्धार नहीं हुआ। न ही धरोहर के आसपास अतिक्रमण से मुक्ति मिल सकी। हाईकोर्ट ने बुधवार को एक बार पुनः धरोहर की मरम्मत और अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए। आदेश के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) और हुसैनाबाद ट्रस्ट ने सर्वे की प्रक्रिया शुरू की। एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट देने की तैयारी है। छोटा इमामबाड़ा के दोनों मुख्य द्वार में कई दुकानें संचालित हैं। यहां लोगों ने अस्थाई निवास भी बना लिए हैं।