एनआरपी डेस्क
लखनऊ। अद्भुत है यूपी का बेसिक शिक्षा विभाग, नवभारत टाइम्स में सैयद सना की खबर तो यही कहानी कह रही है। दरअसल बेसिक शिक्षा विभाग में पांच साल से अधिक समय तक बिना सूचना गैरहाजिर शिक्षकों की सेवा समाप्ति का नियम है। ऐसे शिक्षकों से स्पष्टीकरण भी मांगा जाता है। इसके उलट बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) ने सात साल से अधिक समय तक गैरहाजिर रही शिक्षिका की दोबारा तैनाती कर वेतन की संस्तुति भी कर दी, लेकिन न तो कोई स्पष्टीकरण मांगा, न ही कोई जांच करवाई। वित्त एवं लेखाधिकारी ने इस फैसले पर सवाल उठाते हुए बीएसए से साक्ष्यों के साथ पूरी रिपोर्ट मांगी है।
मामला गोसाईंगंज के अलियामऊ प्राइमरी स्कूल का है। यहां की शिक्षिका शबा शफीक अंसारी 27 मार्च 2017 से बिना सूचना के गैरहाजिर थीं। बीएसए ने इसी साल 26 अक्टूबर को पत्र जारी कर स्कूल में उनकी दोबारा तैनाती का आदेश जारी कर दिया। इसके साथ वेतन भुगतान के लिए वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय में भी पत्र भेज दिया।