एनआरपी डेस्क।
लखनऊ। पुलिस की सतर्कता सिर्फ मोबाइल तक सीमित रह गई है। हालत यह है कि आलमबाग बस अड्डे से बिना नंबर के ई-रिक्शा पर चालक युवती को बैठाता, फिर 35 किलोमीटर दूर ले जाकर हत्या कर देता है। इस दौरान आटो छह थानों की आठ पुलिस चौकियों के बीच से गुजरता है, लेकिन किसी को भी इसकी भनक तक नहीं लगती है। आटो चालक को जानकारी थी कि रास्ते में कहीं भी पुलिसकर्मी नहीं मिलेंगे। ऑटो चालक आलमबाग, कृष्णानगर, मानकनगर, पारा, ठाकुरगंज, दुबग्गा और काकोरी थाने से होते हुए निकल गया, लेकिन कहीं भी पुलिस की सजगता नहीं दिखी। आलमबाग पुलिस सहायता केंद्र, बाराबिरवा पुलिस सहायता केंद्र, पारा तिकुनिया पुलिस सहायता केंद्र, चंदर नगर पुलिस चौकी, सर्राफा चौकी पारा डाक्टर खेड़ा चौकी, रिंग रोड गुलिस चौकी, भूहर पुलिस, अधे की चौकी और घटना स्थान से कुछ दूर कसमंदी पुलिस चौकी भी पड़ी। इनमें से अधिकांश पुलिस चौकिया सड़क के किनारे ही हैं, लेकिन ई-रिक्शा चालक बेखौफ वहां से निकल गया।