एनआरपी डेस्क।
लखनऊ। संभल में नेजा मेले की अनुमति न मिलने से चर्चा में आए सोमनाथ के लुटेरे आक्रांता महमूद गजनवी के भांजे सैयद सालार मसूद वाले गाजी के नाम पर यूपी में लगने वाले मेलों का विरोध अब गहराता जा रहा है। सैयद सालार मसूद गाजी को आक्रांता मानने वालों के साथ एक वर्ग उसे संत भी मानता है और बहराइच में उसकी दरगाह पर हर वर्ष जेठ माह में उर्स (मेला) आयोजित होता है। इस वर्ष यह मेला 15 से 15 जून तक प्रस्तावित है। इसी दौरान बाराबंकी, प्रतापगढ़, प्रयागराज, भदोही और वाराणसी में गाजी मियां के नाम से चर्चित दरगाहों पर भी मेला लगता है और वहां से बारातें आती हैं। रविवार को प्रयागराज में दरगाह में ताला लगने की बात फैलने के बाद भी तेज प्रतिक्रिया हुई।
सैयद सालार मसूद गाजी को मानने वाले उसे सूफी संत गाजी मियां के नाम से जानते हैं। गाजी के बारे में ऐतिहासिक प्रमाण तो नहीं, लेकिन तामीरे मसूदी सहित कुछ किताबें और स्थानीय स्तर पर प्रचलित दंत कथाएं हैं। उसके पिता सालार साहू महमूद गजनवी के बहनोई थे।



