P Chidambaram Congress

0

 

[su_button url=”https://en.wikipedia.org/wiki/P._Chidambaram” target=”blank” background=”#0f9aee” color=”#000000″ size=”4″ center=”yes” icon_color=”#ffffff” text_shadow=”0px 0px 0px #fdfcfc”]Profile[/su_button]

 

FLOP **** (News Rating Point) 05.03.2016
वर्ष 2004 में गुजरात पुलिस की मुठभेड़ में मारी गई इशरत जहां मामले के फिर तूल पकड़ने के बाद कांग्रेस नेता और पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम चर्चा में आये. पूर्व गृह सचिव जेके पिल्लई ने आरोप लगाया कि हलफनामा बदलवाने के लिए उन पर दबाव डाला गया. इसके बाद आंतरिक सुरक्षा विभाग के अवर सचिव रहे आरवीएस मणि ने कई सनसनीखेज खुलासे किए. अखबारों ने लिखा कि मणि ने इशरत केस से जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताई, जिनसे यूपीए सरकार की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े होने लगे. पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम इशरत केस में हलफनामा बदलवाने को लेकर बुरी तरह से घिर गए. पिल्लई ने दावा दोहराया तो उन्हें पूर्व गृह सचिव और भाजपा सांसद आरके सिंह का साथ मिल गया. पिल्लई ने कहा, हलफनामे में बदलाव चिदंबरम ने कराया था. मूल हलफनामे में इशरत और मुठभेड़ में मारे उसके साथियों को लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी बताया गया था. मणि ने न्यूज़ चैनल से कहा, यूपीए सरकार में आईबी को फंसाने के लिए उन पर सीबीआई ने काफी दबाव बनाया. एसआईटी के एक अधिकारी ने बात न मानने पर सिगरेट से उनकी पैंट दाग दी थी. सीबीआई की महिला अधिकारी उनके पीछे पड़ गई, जिससे उनका पूरा परिवार खौफ में जी रहा था. मणि ने कहा, इशरत केस में दो हलफनामे पेश किए गए. पहला-6 अगस्त 2009 और दूसरा-30 सितंबर 2009 को. पहला मणि ने सीनियर अफसरों के निर्देश पर तैयार किया था. इसमें मुठभेड़ में मारे इशरत समेत सभी चारों को आतंकी बताया गया. मणि का कहना है कि वह तथ्यों पर आधारित था. उन्होंने ही इसे साइन कर दाखिल किया था. दूसरे शपथपत्र में लिखा था-ऐसा ठोस सबूत नहीं कि ये चारों आतंकी थे. मणि का कहना है कि दूसरे शपथपत्र पर उन्होंने साइन किए पर अपने अफसरों के कहने पर क्योंकि एेसा करने को सरकार ने कहा था. साथ ही कहा, दूसरा शपथपत्र न मैंने बनाया और न ही मेरे दो वरिष्ठ अधिकारियों ने. यदि उनसे बड़े किसी ने बनाया हो तो मुझे पता नहीं. हालांकि गृह सचिव से बड़ा हमारे महकमे में कोई अफसर होता नहीं है. इसलिए, अगर उनके स्तर पर भी शपथपत्र नहीं तैयार किया तो आप आगे खुद मतलब समझ सकते हैं. मणि ने साथ ही कहा कि आईबी और रॉ के इनपुट के आधार पर ये आतंकी थे. जबकि भाजपा सांसद सिंह ने दावा किया कि हलफनामे में राजनीतिक वजह से बदलाव किए गए थे. सवाल यह है कि किसने एेसा करने को कहा और क्यों? जब खुफिया ब्यूरो ने कह दिया था कि इशरत के तार लश्कर से जुड़े थे, तो हलफनामे में बदलाव की क्या जरूरत थी. इस मुद्दे पर चिदंबरम की सफाई के बाद पिल्लई ने कहा, गृह मंत्री रहते चिदंबरम ने आईबी में मेरे जूनियर अफसरों को फोन कर हलफनामा पूरी तरह बदल दिया. चूंकि वे ड्राफ्ट खुद बोलकर लिखा रहे थे, इसलिए कोई कुछ कह नहीं सका. मुझे बायपास कर हलफनामा लिखवाया और सुप्रीम कोर्ट में पेश किया. चिदंबरम को इसके लिए आईबी व गृह सचिव को जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहिए. मान लेना चाहिए कि यह फैसला पूरी तरह उनका था. इससे पहले चिदंबरम ने कहा था कि उन्होंने हलफनामे में सही बदलाव किए थे. उन्होंने पिल्लई को भी बराबर का जिम्मेदार बताया. कहा-दूसरा हलफनामा इसलिए देना पड़ा क्योंकि पहला हलफनामा स्पष्ट नहीं था. हालांकि कांग्रेस पूरी तरह चिदंबरम के साथ खड़ी हो गयी. लेकिन कांग्रेस नेता और सांसद वी हनुमंत राव ने पी चिदंबरम पर हमला कर पार्टी के भीतर भी उनके सामने मुसीबत खड़ी की. उन्होंने कहा कि चिदंबरम के बारे में ज्यादा बोलना नहीं चाहता. उनकी वजह से ही तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में हम सड़क पर आ गए.

(अखबारों, चैनलों और अन्य स्रोतों के आधार पर)

[su_youtube url=”https://www.youtube.com/watch?v=5sHJwjHQosY” width=”400″ height=”300″]
[su_youtube url=”https://www.youtube.com/watch?v=Gc65XsgMt44″ width=”400″ height=”300″]
[su_youtube url=”https://www.youtube.com/watch?v=VKm5j1W51gc” width=”400″ height=”300″]
[su_youtube url=”https://www.youtube.com/watch?v=L4tMTTttkL0″ width=”400″ height=”300″]

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here