14.02.2015 (News Rating Point- FLOP*)
प्रकाश बादल ने नीति आयोग की बैठक में कृषि को प्रधानता देने की बात रखी और अखबारों ने इसे प्राथमिकता पर कवरेज दिया. वाम दलों ने प्रकाश सिंह बादल से भेंट की और इस खबर को अख़बारों ने जगह दी. लेकिन दिल्ली की तपिश से कोई नहीं बाख पाया. इसमें बादल भी झुलसे. दिल्ली से मैदान में उतारे उनके चारों प्रत्याशी हार गए. दैनिक जागरण ने लिखा- दिल्ली के रास्ते उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में सियासी ताकत दिखाने का सपना देख रहे शिरोमणि अकाली दल (शिअद) बादल को राजधानी के मतदाताओं ने बड़ा झटका दिया है। सिख व पंजाबी बाहुल इलाके में इसके प्रत्याशियों को आम आदमी पार्टी (आप) के हाथों करारी हार मिली है। पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल सहित इनकी पूरी कैबिनेट दिल्ली में अकालियों को जिताने के लिए उतरे हुए थे, लेकिन उनकी पूरी मेहनत पर झाड़ू फिर गया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी भाजपा के साथ अकाली का गठबंधन और समझौते में इन्हें वर्ष 2013 विधानसभा चुनाव की तरह ही राजौरी गार्डन, हरिनगर, कालकाजी और शाहदरा चार सीटें मिली थी। इसमें से राजौरी गार्डन सीट पर शिअद ने अपने चुनाव निशान पर और अन्य तीन सीटों पर कमल फूल निशान पर प्रत्याशी चुनाव लड़े थे।