रसूखदार एसीएस अमित मोहन ‘बुरे दिन’ की ओर, सोशल मीडिया में फजीहत

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नितिन श्रीवास्तव
लखनऊ। यूपी एसीएस स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद की पहचान उनके अपने रसूख और हैसियत की वजह से थी। इसको इस तरह से समझें कि उनका विभाग डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के अंतर्गत आता था लेकिन मनमानी चलती थी अमित मोहन प्रसाद की। तबादलों की मनमानी की हद ये थी कि जिसको जहां चाहा तबादला कर दिया। यहां तक कि जो दुनिया में नहीं था, उस डॉक्टर का भी तबादला कर दिया। लेकिन लग रहा है की अमित मोहन प्रसाद के बुरे दिन अब शुरू हो रहे हैं।
अमित मोहन प्रसाद के खिलाफ जांच के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय ने मुख्य सचिव को लिखा है। आर क्यूब ग्रुप के मालिक महेश श्रीवास्तव ने पीएमओ में की शिकायत की थी। उसमें लिखा था कि अमित मोहन प्रसाद विद्वेष की भावना से ज़िलों में भुगतान रोके हुये हैं। पीएम कार्यालय ने इस शिकायत को गंभीरता से लिया।

 

 

इससे पहले उत्तर प्रदेश में दवाओं और उपकरण में हुई खरीद पर घोटाले के आरोप में एसीएस स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद को लोकायुक्त ने नोटिस भेज चुके हैं। लोकायुक्त द्वारा भेजे गए इस नोटिस में 28 जुलाई तक एसीएस स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद स्पष्टीकरण मांगा गया है। लखनऊ के राजेश खन्ना की ओर से एसीएस स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद के खिलाफ एक याचिका दायर की गई है। इस याचिका में राजेश खन्ना ने अमित मोहन प्रसाद के ऊपर गंभीर आरोप लगाए हैं। याचिका में एसीएस स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद पर दवाओं और उपकरण में हुई खरीद को लेकर घोटाला करने की बात कही गई है।
वहीं, इस याचिका में कहा गया है कि एसीएस स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने मेडिकल कारपोरेशन में एक ही व्यक्ति की कंपनी को लगातार लाभ पहुंचाया। एक ही व्यक्ति की तीन कंपनी अलग-अलग दवाएं सप्लाई कर रही है। इसके अलावा कोरोना काल में भी एसीएस स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद पर घटिया पीपी किट की सप्लाई करने का आरोप लगा था। राजेश खन्ना की ओर से दायर याचिका में एसीएस अमित मोहन से स्पष्टीकरण के साथ साक्ष्य भी लाने का लोकायुक्त ने नोटिस जारी किया है।

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