FLOP ** (News Rating Point) 14.03.2015
इस सप्ताह भी योगेन्द्र यादव-प्रशांत भूषण गुट और अरिवन्द केजरीवाल गुट का झगडा मीडिया और सोशल मीडिया के चौराहे पर बना रहा. आम आदमी पार्टी सचमुच आम पार्टियों जैसी ही होती जा रही है. जिस स्टिंग को पार्टी नेता जनता का हथियार बताते थे, अब उन्हीं स्टिंग के लिए पार्टी खुद पहचानी जाने लगी है. नेताओं की आपस में खींचतान, महत्वकांक्षाएं, तोड़फोड़ की राजनीति और गुटबाजी इस पार्टी के लिए आम हो गयी है. इस सप्ताह की कोई भी दिन ऐसा नहीं बीता, जिसमे आप की कलह टीवी चैनलों की सुर्खियाँ न बनी हो. एबीपी, ज़ी न्यूज़, आजतक, एनडीटीवी 24×7, न्यूज़ 24, आईबीएन 7, टाइम्स नाउ, सीएनएन-आईबीएन, हेडलाइंस टुडे, इंडिया टीवी, इंडिया न्यूज़, एनडीटीवी इंडिया कौन सा टीवी चैनल बताएं, जहां आप की खबरें न चली हों. इस सप्ताह खबरों की शुरुआत योगेन्द्र-प्रशांत बनाम केजरीवाल गुट की खेमेबंदी से हुई. शुरुआत में खबरें आईं- आम आदमी पार्टी (आप) के भीतर छिड़ा घमासान दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है. पार्टी में इस समय जमकर खेमेबाजी हो रही है. पार्टी में बने दोनों गुट एक-दूसरे पर हावी होने की कोशिश कर रहे हैं. मगर, इन सबके बीच टीम केजरीवाल अभी सब पर भारी हैं. सूत्र बताते हैं कि विवादों का निपटारा दूसरे गुट के पार्टी में बने रहने तक नहीं थमेगा. माना जा रहा है कि राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) से निकाले जाने के बाद योगेंद्र यादव व प्रशांत भूषण को पार्टी से बाहर का रास्ता भी दिखाया जा सकता है. मार्च के अंत में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद की बैठक होनी है, जिसमें इन दोनों पर फैसला लिया जा सकता है. हालांकि, इस मामले में औपचारिक रूप से कोई बोलने को तैयार नहीं है, लेकिन सोमवार को दिल्ली प्रदेश संयोजक आशुतोष ने कहा कि दोनों वरिष्ठ नेता हैं. उन्हें इसकी समझ है कि क्या करना है. पार्टी में रहने या निकालने का फैसला राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद की बैठक में होगा. जबकि पंजाब से आप सांसद भगवंत सिंह मान ने साफ तौर पर कहा कि दोनों नेताओं को बाहर का रास्ता दिखा देना चाहिए.
फाइनेंसियल एक्सप्रेस- The simmering rift in AAP today took an ugly turn with four top leaders launching a blistering attack on Yogendra Yadav and father-son-duo of Shanti and Prashant Bhushan, accusing them of working for its defeat in the Delhi Assembly polls and trying to malign image of Arvind Kejriwal. In the first official statement by the top brass since the infighting came out in the open, Deputy Chief Minister Manish Sisodia, Transport Minister Gopal Rai, party General Secretary Pankaj Gupta and Sanjay Singh — all known to be Kejriwal loyalists — defended the decision to remove Prashant and Yadav from the powerful political affairs committee (PAC).
पंजाब केसरी ने लिखा- आम आदमी पार्टी के अंदर चल रहा कलह बढ़ता ही जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक पीएसी से निकाले जाने के बाद आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से भी योगेंद्र और प्रशांत भूषण को निकाला जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक पार्टी की नेशनल काउंसिल की 28 मार्च को होने वाली बैठक में ये फैसला लिया जा सकता है. इस बैठक से पहले पार्टी नेता मनीष सिसोदिया, गोपाल राय, पंकज गुप्ता और संजय सिंह ने बयान जारी कर प्रशांत भूषण शांति और योगेंद्र यादव पर हमला किया है. बयान में कहा गया है कि ये दु:ख की बात है कि जब सब कार्यकर्ता अपना पसीना बहा रहे थे, तो हमारी पार्टी के ये सीनियर नेता पार्टी को कमजोर करने और पार्टी को हराने में लगे थे. जो लोग पार्टी को चन्दा देना चाहते थे, प्रशांत भूषण ने उन लोगों को भी चन्दा देने से रोका. योगेंद्र यादव ने अरविंद की छवि खराब करने के लिए अखबार में नेगेटिव खबरें छपवाईं. बयान में कहा गया है कि आवाम बीजेपी की ही संस्था है और प्रशांत भूषण ने इसका समर्थन किया था. डीएनए- The war within Aam Aadmi Party escalated on Tuesday as senior party leaders Pankaj Gupta, Manish Sisodia (Delhi Deputy Chief Minister), Sanjay Singh and Gopal Rai (Minister for Transport and Rural Development) issued an official statement on why the party needed to remove Prashant Bhushan and Yogendra Yadav from the parliamentary affairs committee. On the other hand, Yadav said that AAP MLAs in Delhi were being coerced to sign a petition to remove him and Bhushan from the party for sabotaging it during Delhi elections. नवभारत टाइम्स- टीम अन्ना के पूर्व सदस्य मुफ्ती शमून कासमी ने आम आदमी पार्टी में मचे घमासान पर निराशा जताई है. कासमी ने कहा कि पारदर्शिता और इंडिया अगेन्स्ट करप्शन को मिलने वाले चंदे का मामला उठाने पर अरविन्द केजरीवाल ने उन्हें भी अन्ना की टीम से बाहर निकलवा दिया था. कासमी का कहना है कि अन्ना टीम में रहकर वह जिन मुद्दों को उठा रहा थे, आज प्रशांत भूषण भी उन्हीं मुद्दों की बात कर रहे हैं.
हिंदुस्तान ने 12 मार्च को लिखा- केजरीवाल के स्टिंग से ‘आप’ में हडकंप. टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने 12 मार्च को लिखा- Kejriwal tried to split Cong & form govt, reveals `sting- Furious Over `Horse-Trading’, Damania Quits- AAP was stung on Wednesday when an audio tape surfaced in which Arvind Kejriwal is heard encouraging former party MLA Rajesh Garg to break Congress by luring away six MLAs and getting them to support an AAP government in Delhi. अमर उजाला ने 12 मार्च को लिखा- ऑडियो सुनने के बाद आप की महाराष्ट्र नेता अंजलि दमानिया ने इस्तीफा दिया- जिसमे उनके ट्वीट का उल्लेख था- मेरा केजरीवाल पर यकीन था. मैंने सिद्धांतों के आधार पर उनका समर्थन किया लेकिन मैं खरीद-फरोख्त का समर्थन नहीं कर सकती. ‘आप’ देश की उम्मीद है. 48 घंटे में योगेंद्र, प्रशांत और केजरीवाल को कार्यकर्ताओं से माफी मांगनी चाहिए. फिर बाद में फैसला बदला. इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा- Barely hours after resigning from the party, Aam Aadmi Party’s Maharashtra convenor Anjali Damania is set to withdraw her resignation. Party state secretary Preeti Menon told The Indian Express that Damania will soon withdraw her resignation and that she just reacted emotionally. अमर उजाला ने दूसरी खबर में लिखा- भारी भीतरी कलह के दौर से गुजर रही आम आदमी पार्टी को बुधवार को दो बड़े झटके लगे. आप के पूर्व विधायक राजेश गर्ग ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाया है कि उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव के बाद सरकार बनाने के लिए कांग्रेस के छह विधायकों को खरीदने की कोशिश की थी. इस सिलसिले में एक पुराना ऑडियो टेप भी सामने आ गया है, जिसमें केजरीवाल कांग्रेस के तत्कालीन छह विधायकों को तोड़ने की नसीहत गर्ग को दे रहे थे. एक अन्य खबर- आप का महाभारत थमता नहीं दिख रहा है. अब ‘आप’ विधायकों ने योगेंद्र यादव व प्रशांत भूषण को पार्टी से निकालने के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाया है. वहीं, दोनों नेता अपने बचाव में खुलकर सामने आ गए हैं. योगेंद्र यादव-प्रशांत भूषण ने जहां कार्यकर्ताओं के नाम चिट्ठी लिखी. वहीं, ‘आप’ विधायकों ने पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी भेजी है. एक और खबर में- हरियाणा से ‘आप’ नेता नवीन जयहिंद ने भी एक चिट्ठी लिखी है. इसमें उन्होंने प्रशांत भूषण को अच्छा आदमी बताया है, जबकि योेगेंद्र को अवसरवादी बताते हुए पार्टी से निकालने की बात कही है. जयहिंद का कहना है कि सारा खेल योगेंद्र का है. वह प्रशांत भूषण का सहारा ले रहे हैं. जनसत्ता- अब पार्टी की दूसरी नेता अंजली दमानिया ने आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. अंजली ने सोशल साइट ट्विटर पर ट्वीट करके इस बात की जानकारी दी है. नवभारत टाइम्स ने 14 मार्च को छापा- आम आदमी पार्टी के नेता प्रशांत भूषण के खिलाफ अब अपनों ने ही मोर्चा खोल दिया है. प्रशांत के भाई अभय भूषण ने कहा है कि प्रशांत के खिलाफ पार्टी के एक गुट की नाराजगी जायज है, क्योंकि उन्होंने और योगेंद्र यादव ने दिल्ली चुनाव की कैंपेनिंग में हिस्सा नहीं लिया था.