FLOP **** (News Rating Point) 22.08.2015
गुजरात के चर्चित पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम सोलंकी 400 करोड़ रुपये के घोटाले में फंस गए. बहुचर्चित मछली पालन घोटाले में गांधीनगर की अतिरिक्त जिला जज रिजवाना घोघारी ने सोलंकी और पूर्व मंत्री दिलीप संघाणी समेत सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया. यह घोटाला 2008 में हुआ था. इसमें सोलंकी और संघाणी का नाम सामने आया था. जज घोघारी के अनुसार पुलिस की जांच रिपोर्ट से स्पष्ट हुआ है कि सोलंकी और संघाणी सहित सात लोग इस घोटाले में शामिल थे. इन सभी के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा के तहत मुकदमा चलाया जाएगा. गांधीनगर कोर्ट ने जिन व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया, उनमें तत्कालीन मत्स्य राज्यमंत्री पुरुषोत्तम सोलंकी, तत्कालीन मत्स्य पालन मंत्री दिलीप संघाणी, तत्कालीन मत्स्य सचिव अरुण कुमार सूतरिया, तत्कालीन उप सचिव विक्टर खराड़ी, तत्कालीन उप सचिव कमलेश कुमार तबियार, तत्कालीन विभागीय अधिकारी चंद्रिका बेन शाह एवं तत्कालीन विभागीय उप अधिकारी प्रद्युमन भट्ट शामिल है. उल्लेखनीय है कि पालनपुर निवासी इशाक भटडिया नामक व्यक्ति की शिकायत के बाद इस घोटाले का पर्दाफाश हुआ था. शिकायत में सोलंकी का नाम प्रमुख रूप से था. उस समय सोलंकी राज्य में मत्स्य पालन मंत्री थे. उन पर टेंडर बिना ही राज्य के तालाबों को के लिए आवंटित करने का आरोप था.
गुजरात के चर्चित पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम सोलंकी 400 करोड़ रुपये के घोटाले में फंस गए. बहुचर्चित मछली पालन घोटाले में गांधीनगर की अतिरिक्त जिला जज रिजवाना घोघारी ने सोलंकी और पूर्व मंत्री दिलीप संघाणी समेत सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया. यह घोटाला 2008 में हुआ था. इसमें सोलंकी और संघाणी का नाम सामने आया था. जज घोघारी के अनुसार पुलिस की जांच रिपोर्ट से स्पष्ट हुआ है कि सोलंकी और संघाणी सहित सात लोग इस घोटाले में शामिल थे. इन सभी के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा के तहत मुकदमा चलाया जाएगा. गांधीनगर कोर्ट ने जिन व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया, उनमें तत्कालीन मत्स्य राज्यमंत्री पुरुषोत्तम सोलंकी, तत्कालीन मत्स्य पालन मंत्री दिलीप संघाणी, तत्कालीन मत्स्य सचिव अरुण कुमार सूतरिया, तत्कालीन उप सचिव विक्टर खराड़ी, तत्कालीन उप सचिव कमलेश कुमार तबियार, तत्कालीन विभागीय अधिकारी चंद्रिका बेन शाह एवं तत्कालीन विभागीय उप अधिकारी प्रद्युमन भट्ट शामिल है. उल्लेखनीय है कि पालनपुर निवासी इशाक भटडिया नामक व्यक्ति की शिकायत के बाद इस घोटाले का पर्दाफाश हुआ था. शिकायत में सोलंकी का नाम प्रमुख रूप से था. उस समय सोलंकी राज्य में मत्स्य पालन मंत्री थे. उन पर टेंडर बिना ही राज्य के तालाबों को के लिए आवंटित करने का आरोप था.
(अखबारों, चैनलों और अन्य स्रोतों के आधार पर)