Rahul Gandhi Congress

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HIT *** (News Rating Point) 25.04.2015
दो महीने की छुट्टी से वापस लौटे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी सार्वजनिक मंच पर आए तो पुराने तेवर और नए कलेवर के साथ. रविवार को रामलीला मैदान में ‘किसान खेत मजदूर रैली’ में उन्होंने मोदी सरकार पर जोरदार हमला किया.साथ ही पैदल केदारनाथ यात्रा कर न केवल सुर्खियाँ बटोरी बल्कि यह सन्देश देने की कोशिश की कि कांग्रेस हिन्दू विरोधी नहीं है.

दो महीने की छुट्टी से वापस आए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी सार्वजनिक मंच पर आए तो पुराने तेवर के साथ. रविवार को रामलीला मैदान में ‘किसान खेत मजदूर रैली’ को संबोधित करते हुए उन्होंने मोदी सरकार पर जोरदार हमला किया. उन्होंने भूमि अधिग्रहण को सीधे मोदी से जोड़ दिया और भरोसा दिलाया कि जहां भी जबरन अधिग्रहण होगा, कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी होगी. उन्होंने कहा कि मोदीजी ने चुनाव में उद्योगपतियों से हजारों करोड़ रुपये का कर्ज लिया था. उस पैसे से उनकी मार्केटिंग की गई. अब आपकी जमीन उन उद्योगपतियों को देकर वह कर्ज चुकाएंगे.
दैनिक जागरण
किसानों की जमीन का मुद्दा उठाकर कांग्रेस ने मोदी सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है. राहुल गांधी ने रविवार को किसान रैली में कहा कि मोदी ने बड़े उद्योगपतियों से करोड़ों का कर्ज लेकर मार्केटिंग की और चुनाव जीता. अब किसानों की जमीन छीन कर कर्ज को चुका रहे हैं.
अमर उजाला
शुक्रवार को लंबी छुट्टी से लौटे पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने ऐलान किया कि किसानों के हितों को प्रभावित करने वाले किसी भी कदम के खिलाफ वह सबसे आगे रहेंगे. राहुल के साथ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी सरकार पर बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने का आरोप लगाया.
नवभारत टाइम्स
सधे हुए नेता की तरह सदन में दिखे राहुल- कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राहुल के भाषण को पूरे नंबर भी दिए. राहुल की वापसी को ‘सुखद’ बताते हुए सोनिया ने कहा था कि हमें राहुल पर पूरा भरोसा था कि वह अपनी बात अच्छी तरह से रखेंगे.
नवभारत टाइम्स
टोकाटोकी के बीच मजबूती से रखी बात, दिखाई हाजिरजवाबी- राहुल लगातार बदले अंदाज़ में आ रहे नज़र
हिंदुस्तान

In House, land line gives Cong a Rahul recharge- His comeback line : ‘Suit-boot ki sarkar’

– The Indian Expres
भूमि अधिग्रहण और किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को संसद में मोदी सरकार पर करारा प्रहार किया. दो महीने की सियासी गैर हाजिरी के बाद लौटे राहुल ने लोकसभा में कहा कि आपकी सरकार बड़े लोगों की सरकार है, सूट-बूट की सरकार है. किसानों का दर्द नहीं समझ रही है. इस सरकार ने किसान और मजदूर को नजरअंदाज किया.

– अमर उजाला
राहुल गांधी के लोकसभा चुनाव की असफलता, बेदम और फ्लॉप होने की बदनामी की पटकथा को अब बदलने की तैयारी शुरू हो गई है. कांग्रेस उपाध्यक्ष को ही नहीं बल्कि मां सोनिया गांधी और पूरी कांग्रेस को भी शायद राहुल को दोबारा स्थापित करने के लिए दो महीने के ब्रेक की जरूरत थी. दो महीने के ब्रेक के बाद अब पर्दे के पीछे से राहुल को चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ाने की रणनीति को तेजी से अंजाम दिया जा रहा है. खुद सोनिया ने बेटे को आगे करने के लिए अहम भूमिका निभाई है. राहुल को खड़ा करने के लिए किसान रैली, संसद में सक्रियता, भारत भ्रमण और संगठन के कामकाज को गंभीरता से संभालने जैसे तमाम चरणों को शामिल किया गया है.
अमर उजाला
मोदी सरकार को सूट-बूट की सरकार बताने वाले राहुल पर सरकार के तीन मंत्रियों ने मंगलवार को सीधा हमला बोला. अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने राहुल का नाम लिए बिना कहा कि जिसे पास्ता और प्याज, बैंगन और बर्गर का अंतर नहीं पता, वह खुद को किसान का हितैषी साबित करने पर तुला हुआ है. वहीं दूसरी ओर संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने राहुल के भाषण की तुलना शैतान के प्रवचन से कर डाली. इसी क्रम में संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सूट-बूट की सरकार के जवाब में हर्षद मेहता से जुड़े शेयर घोटाले का परोक्ष जिक्र करते हुए कहा कि शुक्र है कि यह सरकार सूटकेस की सरकार नहीं है.
अमर उजाला
After taking up the issue of land acquisition in Parliament on Monday, Rahul Gandhi followed it up on Tuesday with another hot button issue: net neutrality. Declaring his support for net neutrality, Rahul accused the Modi government of trying to carve up the internet and distribute it among industrialists. He told the Lok Sabha, “I would request the government to stop the Trai consultation and to look into changing the law or writing a law for net neutrality.“ IT minister Ravi Shankar Prasad responded that the government stood for non-discriminatory use of internet.

– The Times of India
लोकसभा में बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन किसानों के मुद्दे पर सरकार पर तीखे हमले बोलने वाले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को नेट न्यूट्रैलिटी के मुद्दे पर सरकार पर धावा बोला. हालांकि इस मुद्दे पर पहले से तैयार बैठी सरकार की फौज ने सदन में ही राहुल पर पलटवार करने में देर नहीं लगाई.नेट न्यूट्रैलिटी पर कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस अस्वीकार होने के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष ने शून्यकाल में यह मामला उठाया. राहुल ने कहा कि देश के करोड़ों युवा इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं. मगर सरकार का इरादा इस माध्यम को भी चुनिंदा औद्योगिक घरानों को सौंपने का है.
अमर उजाला
आत्मचिंतन के साथ ही कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के प्रयोगों की प्रक्रिया भी ठहराव पर आती दिख रही है. वामपंथ की एनजीओ शैली से राजनीतिक शुरुआत करने के बाद बाद पार्टी में चुनाव की पश्चिमी राजनीतिक प्रयोग की वकालत करने वाले राहुल प्रयोग की राजनीति से तौबा कर चुके हैं. राहुल अब मध्यमार्गी राजनीति की ओर लौट रहे हैं. केदारनाथ धाम की यात्रा के साथ ही पार्टी के उदारवादी हिंदुत्व के चेहरे को बदलने की पहल करने वाले राहुल अब उसी राह पर चलने को तैयार हैं. वहीं मोदी सरकार को घेरने के लिए देशभर में रैली करने जा रहे राहुल अब ‘हिन्दू व हिन्दी’ को लेकर सजग रहेंगे.
दैनिक जागरण

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी को जल्द ही पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए और सोनिया गांधी पार्टी की मार्गदर्शक की भूमिका निभा सकती हैं. कमलनाथ ने वरिष्ठ पार्टी नेताओं अमरिंदर सिंह और संदीप दीक्षित की इस राय को खारिज किया कि सोनिया गांधी को अध्यक्ष बने रहना चाहिए. कमलनाथ ने हैडलाइन्स टुडे चैनल पर करण थापर से बातचीत में कहा, मुझे लगता है कि राहुल गांधी को अध्यक्ष बनना चाहिए.
प्रभात खबर
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ ने कहा है कि सोनिया गांधी द्वारा पार्टी का सफल नेतृत्व किए जाने के बावजूद राहुल गांधी को जल्द ही पार्टी अध्यक्ष बना दिया जाना चाहिए.
दैनिक जागरण
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार सुबह केदारनाथ के दर्शन किए. सुबह 8.50 बजे मंदिर के कपाट खोले गए. इसके कुछ ही देर बाद राहुल ने पूजा की.
दैनिक भास्कर
राहुल गांधी ने केदारनाथ धाम के दर्शन किये. राहुल लिंचौली से पैदल यात्रा करते हुए केदारनाथ पहुंचे थे.
हिंदुस्तान
राहुल के पूजा अर्चना में शामिल होने से कांग्रेस को जहां सिर्फ अल्पसंख्यकों की पार्टी होने का आरोप खत्म होने की उम्मीद है, वहीं उनकी पदयात्रा से तीर्थयात्रियों के मन में सुरक्षा का भाव पैदा होगा. लोकसभा में हार के कारणों पर विचार करने के लिए गठित ए.के. एंटनी समिति ने अपनी रिपोर्ट में कांग्रेस की सिर्फ अल्पसंख्यकों की पार्टी वाली छवि को एक कारण माना था.
हिंदुस्तान
उन्हें दर्शन करने के बाद काफी सुकून मिला है और उन्हें लगता है कि उन्हें दिव्य शक्ति प्राप्त हुई है. शक्ति कितनी और कैसी है, यह तो राहुल ही जानें, लेकिन यह बात जरूर है कि युवराज की इस यात्रा के पीछे एक बड़ा राजनीतिक मकसद छिपा है.
– One India
After his roaring speech in Lok Sabha a few days ago, it was a different Rahul Gandhi who visited Kedarnath on the occasion of the temple’s kapat (portal) opening ceremony on Friday morning.
– The Indian Express
Congress vice-president Rahul Gandhi on Friday trekked to the revered Kedarnath shrine and said he was here to pay his respects to the victims of the 2013 floods in the region and did not ask for anything.
– The Times of India
Some are calling it a “relaunch” of the scion of India’s powerful Nehru-Gandhi dynasty who led the party to its worst election defeat ever last year, while others are referring to it as the birth of “Rahul Gandhi 2.0.” But let’s not forget that Mr. Gandhi is prone to bursts of action – most prominently a surprise press conference in 2013 when he said an executive order allowing some convicted criminals to continue to serve as politicians passed by his party’s government should be torn up and trashed. Initial spurts of political energy though usually fade away quickly. His “leave of absence” during a crucial session of Parliament in February and March raised doubts over his ability and stamina for leading his party.  Questions still remain over whether he will succeed his mother, Congress President Sonia Gandhi, any time soon, or if a generational squabble has, for some time to come, left the two sharing power at the top.
– The Wall Street Journal
Congress vice-president Rahul Gandhi completed a slush and snow-filled trek to Kedarnath on Friday morning, reaching on time for a special prayer at the renovated ancient shrine that had suffered extensive damage in a 2013 cloudburst.
– Hindustan Times
In a journey redolent with symbolism, religious and political, Congress vice-president Rahul Gandhi commenced an arduous 16-km long trek on Thursday to pay his obeisance at the temple at Kedarnath, the most remote of the four Char Dham sites:

– The Hindu

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