HIT * (News Rating Point) 16.05.2015
समाजवादी पार्टी जनता परिवार के विलय के अपने बयान की वजह से वरिष्ठ सपा नेता रामगोपाल यादव इस सप्ताह चर्चा में रहे. अमर उजाला ने लिखा कि जनता परिवार के छह दलों के विलय का भले ही औपचारिक ऐलान हो गया है लेकिन इसका मूर्त रूप लेना फिलहाल मुश्किल दिख रहा है. सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने इसके संकेत दिए हैं. उनका कहना है कि बिहार चुनाव से पहले यह विलय संभव नहीं है और अभी ऐसा कोई भी कदम सपा के लिए आत्मघाती होगा. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि तकनीकी दिक्कतों की वजह से विलय की प्रक्रिया में देरी हो रही है.सपा महासचिव के इस बयान को मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली पार्टी के अंदर विलय को लेकर असहमति के तौर पर देखा जा रहा है. कई सपा नेताओं का मानना है कि बिहार चुनाव से पहले वहां की प्रमुख पार्टियों जदयू और राजद के साथ विलय से सपा को कोई फायदा नहीं होने वाला है. यही नहीं, बिहार चुनाव में सीटों के बंटवारों को लेकर जदयू और राजद के बीच भी मतभेद हैं. रामगोपाल के इस बयान को सपा के अंदर विलय के खिलाफ सुर के तौर पर देखा जा रहा है. ऐसी चर्चाएं रही हैं कि राज्यसभा में रामगोपाल की जगह जदयू अध्यक्ष शरद यादव को नई पार्टी का नेता बनाया जा सकता है. ऐसे में इस संदर्भ में भी उनके बयान को देखा जा रहा है.
(अखबारों, चैनलों और अन्य स्रोतों के आधार पर)