FLOP ***** (News Rating Point) 01.05.2016
अखिलेश यादव की सरकार में मंत्री रहे राम करण आर्य यूपी के बस्ती जिले की अदालत ने 1994 के हत्या के एक मामले में उम्रकैद की सजा सुनाये जाने की वजह से पिछले महीने सुर्ख़ियों में रहे. राम करण आर्य पूर्व की अखिलेश यादव की सरकार में खेल और युवा कल्याण मंत्री थे. जिला एवं सत्र न्यायालय ने उम्रकैद की सजा के अलावा उनपर 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया. केस की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इस मामले में 8 अन्य लोगों को संदेह का लाभ देते हुए रिहा कर दिया. कोर्ट के फैसले के बाद जमानत पर जेल से बाहर चल रहे पूर्व मंत्री को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. राम करण आर्य चार बार विधायक रह चुके हैं और समाजवादी पार्टी में दो बार मंत्री पद भी संभाल चुके हैं. राम करण आर्य पर यह केस 23 नवंबर 1994 को दर्ज किया गया था. उस समय बस्ती सदर से कांग्रेस के विधायक जगदंबिका पाल ने वाल्टरगंज शहर में एक किसान रैली का आयोजन किया था. जगदंबिका पाल के भतीजे और चचेरे भाई जीप में बैठकर इस रैली में शामिल होने जा रहे थे. दूसरी तरफ से बस्ती दक्षिण सीट से सपा के विधायक राम करण आर्य अपने समर्थकों के साथ जीप में सवार होकर आ रहे थे. कोतवाली पुलिस थाने के पास दोनों जीपें आपस में टकरा गईं. इसके बाद दोनों पक्ष के लोगों में कहासुनी हो गई. इस बीच राम करण ने अपने एक समर्थक से राइफल छीनी और शंभू नामक शख्स पर गोली चला दी. गोली शंभू की गर्दन में लगी और उसकी मौके पर ही मौत हो गई. इस मामले में जगदंबिका पाल के चचेरे भाई जयबक्श ने राम करण आर्य समेत 10 लोगों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कराया था. पुलिस ने मामले की जांच के बाद सभी आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट फाइल की। केस चलने के दौरान एक आरोपी की मौत हो गई जबकि 8 आरोपियों को कोर्ट ने संदेह का लाभ देते हुए रिहा कर दिया.
(अखबारों, चैनलों और अन्य स्रोतों के आधार पर)