FLOP **** (News Rating Point) 11.04.2015
उत्तर प्रदेश में बसपा सरकार में मंत्री रहे रंगनाथ मिश्र की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को खारिज कर दी. मिश्र ने आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक की संपत्ति रखने आरोप में अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद करने की मांग की थी. इस वजह से इस सप्ताह फ्लॉप रेटिंग की सूची में रंगनाथ मिश्र नज़र आ रहे हैं.
यूपी के पूर्व मंत्री रंगनाथ मिश्र की उस याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया, जिसमें मिश्र ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में अपने खिलाफ दर्ज केस खारिज करने की गुहार लगाई थी. जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने मिश्र की याचिका को खारिज कर दिया. उत्तर प्रदेश लोकायुक्त के सामने दर्ज शिकायत में मिश्र पर अवैध तरीके से आय से ज्यादा संपत्ति बनाने का आरोप लगाया गया था. लोकायुक्त ने मिश्र को अभ्यारोपित किया था, जिसके बाद राज्य सरकार ने सतर्कता जांच का आदेश दिया था. मिश्र ने लोकायुक्त जांच के खिलाफ याचिका लगाई थी.
– नवभारत टाइम्स
मायावती सरकार में माध्यमिक शिक्षा मंत्री रहे रंगनाथ मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट से करारा झटका लगा है. उन पर अब घोषित आय से अधिक संपत्ति रखने का मुकदमा चलेगा. न्यायमूर्ति रंजन गोगई की अध्यक्षता वाली पीठ ने भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा झेल रहे रंगनाथ मिश्रा की इस मामले में दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की गुहार संबंधी याचिका खारिज कर दी है. अक्टूबर, 2012 में भ्रष्टाचार निरोधक शाखा की वाराणसी शाखा ने रंगनाथ मिश्रा पर आय से अधिक संपत्ति रखने का मामला दर्ज किया था.
– अमर उजाला न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने मिश्र की याचिका खारिज कद दी. उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की वाराणसी इकाई ने वर्ष 2012 में प्राथमिकी दर्ज की थी. इसके पहले उनके खिलाफ उत्तर प्रदेश लोकायुक्त के पास दर्ज शिकायत में अवैध तरीके से करीब एक हजार करोड़ रुपये की संपत्ति बटोरने का आरोप लगाया गया था. लोकायुक्त ने मिश्र पर अभियोग लगाया था जिसके बाद राज्य सरकार ने निगरानी विभाग से जांच का आदेश दिया था.
– नई दुनिया
न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने मिश्र की याचिका को खारिज कर दिया. मिश्र आय के ज्ञात स्रोतों से कथित तौर पर अधिक संपत्ति जुटाने के मामले में भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के विभिन्न प्रावधानों के तहत मुकदमे का सामना कर रहे हैं. भ्रष्टाचार निरोधी ब्यूरो की वाराणसी इकाई ने अक्तूबर 2012 में पूर्व मंत्री के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. इससे पहले उत्तरप्रदेश लोकायुक्त के समक्ष उनके खिलाफ दर्ज शिकायत में उनपर अवैध तरीके से 1,000 करोड़ रूपये की संपत्ति बनाने का आरोप लगाया गया था.
– सहारा समय