Satyendra Singh, IAS, Uttar Pradesh

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(News Rating Point) 29.04.2016
वैसे इतना बड़ी कार्रवाई बिना मुख्यमंत्री स्तर पर इशारा हुए बगैर तो नहीं हो सकती थी लेकिन सत्ताधारी दल के विधायक की अवैध इमारत गिराकर लखनऊ विकास प्राधिकरण अखबारों और रीजनल टीवी चैनलों पर छा गया. नवभारत टाइम्स ने लिखा कि एलडीए ने जियामऊ में सपा विधायक रामपाल का अवैध निर्माण गुरुवार को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। इमारत गिराए जाने की सूचना मिलते ही विधायक अपने समर्थकों के साथ मौके पर पहुंचे और एलडीए अधिकारियों पर हमला बोल दिया। विधायक ने सचिव श्रीश चंद्र वर्मा को थप्पड़ मार दिया। उनके साथ मौजूद पूर्व विधायक राजेंद्र यादव के बेटे जितेंद्र ने पिस्टल निकाल ली। लेकिन एसआई बंथरा सुभाष मिश्रा ने मुस्तैदी दिखाते हुए जितेंद्र का हाथ मरोड़कर पिस्टल छीन ली। इसके बाद विधायक और उनके समर्थकों को पुलिस ने जमकर पीटा और गाड़ी में भरकर पुलिस लाइंस भेज दिया। विधायक समेत नौ लोगों पर केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। गुरुवार को एलडीए, जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारी, बड़ी संख्या में फोर्स के साथ दोपहर एक बजे इस इमारत गिराने पहुंचे थे। विधायक के आने से महज पांच मिनट पहले पांच में से तीन बुलडोजर सामने से हटकर गली में खड़े हो गए थे। दो बुलडोजर सामने की दीवार तोड़ रहे थे, लेकिन विधायक को देख उसके कर्मचारी बुलडोजर से कूद कर भाग खड़े हुए। विधायक और उनके गुर्गों को देख एलडीए के इंजीनियर और दूसरे अधिकारी मौके से भाग खड़े हुए, लेकिन सचिव श्रीश चंद्र वर्मा डटे रहे। मरने-मारने पर उतारू विधायक के गुर्गों के सामने उन्होंने निडर होकर कार्रवाई को वाजिब ठहराया। इससे भड़के विधायक ने उन पर हाथ उठा दिया। इमारत का बड़ा हिस्सा ध्वस्त देख विधायक और उसके समर्थक अपना आपा खो बैठे। विधायक ने अपने समर्थकों से कहा, ‘निकालो पेट्रोल आग लगा दो बुलडोजर को, खोजो कहां गए एलडीए वाले। खोजकर मारो’। इस आवाज के बाद मौके से एलडीए के सभी एक्सईएन और दूसरे अधिकारी गायब हो गए। एलडीए के वीसी ने पत्रकारों ने कहा कि ऐसी कार्रवाइयां चलती रहेंगी.

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