एनआरपी डेस्क
लखनऊ। आज के दौर में विधायक या सांसद अपनी निधि से कमीशन नही लेता तो उसे बहुत ईमानदार माना जाता है। निजी संसाधनों से जनता के हित में काम कराने की बात तो सोची भी नही जाती। ऐसे में देवरिया सदर से विधायक डॉ. शलभ मणि त्रिपाठी अपने निजी संसाधनों से स्कूलों के विकास की कोशिशों को लेकर चर्चा में हैं। मीडिया और सोशल मीडिया ने शलभ मणि के इस प्रयास को तवज्जो दी है। इसके चलते शलभ मणि की न्यूज़ रेटिंग में इजाफा हुआ है।
शलभ मणि ने अभी दो विद्यालयों को गोद लेकर कायाकल्प करने की तैयारी कर रहे हैं। इन स्कूलों का रंगरोगन और साजसज्जा के साथ स्मार्ट क्लास से सुसज्जित किया जाएगा। एक स्कूल में यह काम काफी हद तक हो गया है। बैतालपुर क्षेत्र के परिषदीय विद्यालय बौरडीह को विधायक के संसाधनों और कुछ हितचिंतकों के माध्यम से सजाया संवारा जा रहा है। खास बात यह है कि शलभ मणि ने इसमें अपनी निधि का उपयोग नहीं किया है। वह अपने आय के स्रोत से आया धन विद्यालय के कायाकल्प में उपयोग कर रहे हैं। विद्यालय का अच्छी तरह से रंग रोगन किया जा रहा है। कक्षा कक्षों का नामकरण ज्ञान विज्ञान के क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धियों वाले व्यक्तियों के नाम पर किया जा रहा है। साथ ही विद्यालय में आधारभूत सुविधाओं के साथ साथ पुस्तकालय, वैज्ञानिक उपकरण, खेल की समुचित व्यवस्था भी की जा रही है। विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों को निजी विद्यालयों की तरह स्मार्ट क्लास के माध्यम से शिक्षा देने की तैयारी है। इसके लिए खासतौर से स्मार्ट क्लास के लिए उपकरण मंगाए जा रहे हैं। विद्यालय के प्रतिभावान बच्चों को देश दुनिया की अद्यतन गतिविधियों से भी अवगत कराया जाएगा। इन सुविधाओं के विकास के बाद इस विद्यालय में पढ़ाई की गुणवत्ता की निगरानी विधायक समय-समय पर स्वयं करते रहेंगे।
दूसरा विद्यालय गौरीबाजार क्षेत्र का परिषदीय विद्यालय बेलवा है। यहां भी परिषदीय विद्यालय बौरडीह की तर्ज पर कायाकल्प करने की पूरी तैयारी है। दोनो विद्यालयों में सुंदर और सुसज्जित हरित क्षेत्र भी विकसित किया जाएगा। इसमें विविध प्रकार के फूल, फल वाले पौधे व पेड़ रोपे जाएंगे। इससे आने वाले समय में विद्यालय कुछ अलग ही तरह से दिखाई देगा। शलभ मणि त्रिपाठी ने बताया कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के आह्वान पर मैने दो विद्यालयों को गोद लिया है। इनका कायाकल्प किया जा रहा है। इसमें विधायक निधि का उपयोग करने की जगह स्वयं के आय से प्राप्त धन का उपयोग किया जा रहा है। इस प्रयास में कुछ अन्य लोगों का भी आर्थिक सहयोग मिल रहा है। दोनों विद्यालयों में स्मार्ट क्लास लगाया जाएगा। इनमें पढ़ाई की आधुनिक विधियां प्रयोग की जाएंगी। इनमें हरित क्षेत्र का विकास किया जाएगा। समय समय पर मैं स्वयं भी बच्चों के बीच जाऊंगा। इनमें पढ़ने वाले मेधावी बच्चों को अंतराष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा दिलाने का प्रयास किया जाएगा।