14.02.2015 (News Rating Point- FLOP*)
जब आप की आंधी में बड़े-बड़े उड़ गए तो शर्मिष्ठा मुखर्जी से बहुत ज़्यादा उम्मीद बनती भी नहीं थी. लेकिन फिर भी दिल्ली चुनाव में कांग्रेस के जिन नेताओं को मीडिया ने सबसे ज्यादा तवज्जो दी उनमे शर्मिष्ठा मुखर्जी भी थीं. वजह ये थी कि वह राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की बेटी हैं. लेकिन शर्मिष्ठा लगातार यह बोलती रहीं कि वह वीआइपी नहीं हैं. हां ये जरूर मानती थी कि राष्ट्रपति होने के नाते मीडिया उन्हें तवज्जो दे रहा है .ये बड़ा ही दुखद रहा कि शर्मिष्ठा ने दिल्ली से तब चुनाव लड़ने का फैसला किया जब आज़ादी से लेकर अब तक कांग्रेस के सबसे बुरे दिन थे. सही है कि शर्मिष्ठा हारीं लेकिन किसी भी चैनल और अख़बार ने उनकी आलोचना नहीं करी. इसे समझा जा सकता है कि हारने के बावजूद उनकी छवि को सबसे कम डेंट लगा.