Shivraj Singh Chouhan BJP

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​FLOP **** (News Rating Point) 28.02.2014
व्यापमं घोटाला शिवराज सिंह चौहान का पीछा छोड़ता हुआ नहीं नज़र आ रहा है. कोई भी दिन ऐसा नहीं होता है कि इस घोटाले की खबरें किसी न किसी रूप में सामने न  आती हों. कभी टीवी चैनलों और कभी अखबारों में लगातार शिवराज और व्यापमं से सम्बंधित खबरें छपती रहीं. दिग्विजय सिंह तो लगातार शिवराज सिंह चौहान के पीछे पड़े रहे. लेकिन शिवराज भी अपने मोहरे सहेजने में लगे रहे. भास्कर ने लिखा- व्यापमंमसले को लेकर मध्यप्रदेश में मची सियासी हलचल के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संसद के बजट सत्र की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार और भाजपा के आला नेताओं से मुलाकात की. उन्होंने पूरे प्रकरण पर सफाई देते हुए कांग्रेस के आरोपों को तथ्यहीन करार दिया. रविवार के इस घटनाक्रम को संसद के बजट सत्र के दौरान व्यापमं मुद्दे पर शिवराज पर विपक्ष के हमलों का तथ्यों के आधार पर मुंहतोड़ जवाब देने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है. संसद और टीवी चैनलों पर व्यापमं मुद्दे पर बहस के दौरान कांग्रेस के हमलों का जवाब देने की रणनीति तैयार करने के लिए सरकार के प्रवक्ता और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर के आवास पर रविवार को बैठक हुई. इसमें शिवराज, प्रदेश संगठन मंत्री अरविंद मेनन,केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज, नरेन्द्र सिंह तोमर, रविशंकर प्रसाद के अलावा भाजपा प्रवक्ता नलिन कोहली,सुधांशु त्रिवेदी, विजय सोनकर शास्त्री, संबित पात्रा, जेवीएल नरसिंहराव और एमजे अकबर मौजूद थे. सूत्रों के मुताबिक बैठक में मौजूद सभी नेता व्यापमं मुद्दे से पहले से वाकिफ थे, लेकिन संसद के बजट सत्र से ठीक पहले इस मुद्दे के फिर से गर्माने के बाद नए सिरे से मंथन हुआ. सूत्र बताते हैं, बैठक में तय हुआ कि अगर किसी टीवी चैनल पर व्यापमं मसले पर बहस होती है, तो पार्टी प्रवक्ता तथ्यों के आधार पर शिवराज सरकार का आक्रामक अंदाज में बचाव करेंगे. साथ ही कांग्रेस के आरोपों को तथ्यहीन करार दिया जाएगा. “जो कहना था, कह चुका हूं’ बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने दैनिक भास्कर के सवालों पर कहा ”मैं व्यापमं के मुद्दे पर कुछ नहीं कहूंगा.”
25 फरवरी को अमर उजाला ने लिखा- शिवराज बोले, झूठा साबित हुआ तो दे दूंगा इस्तीफा- व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले में घिरे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा में राज्यपाल राम नरेश यादव पर एफआईआर के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की, मगर खुद पर लगे आरोपों के संबंध में कहा कि अगर वह झूठे साबित हुए तो पद से इस्तीफा दे देंगे. दरअसल, इस मामले में मंगलवार को राज्य विधानसभा में भी जमकर हंगामा हुआ. नवभारत टाइम्स ने लिखा- मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल कथित घोटाले में कांग्रेस ने एक बार फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर हमला बोला है. कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने प्रेस रिलीज जारी कर शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह पर व्यापमं घोटाले के आरोपी की पैरवी करने का आरोप लगाया है. दिग्विजय सिंह ने साधना सिंह और सुधीर शर्मा के बीच हुए एसएमएस का कंटेट जारी किया है. सुधीर शर्मा व्यापमं घोटाले में आरोपी हैं. दिग्विजय सिंह ने प्रेस रिलीज के साथ वह एसएमएस भी जारी किया है जो कथित तौर पर शिवराज की पत्नी साधना ने भर्ती घोटाले के आरोपी सुधीर शर्मा को भेजा था. वहीं दूसरी ओर बीजेपी ने कांग्रेस के इन आरोपों को निराधार बताया है. नई दुनिया ने छापा- कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह द्वारा व्यापमं घोटाले के आरोपी सुधीर शर्मा को किए सिफारिशी एसएमएस का गुरुवार को दावा किया। उन्होंने प्रेस नोट जारी कर कहा कि साधना सिंह ने मोबाइल नंबर 9425609866 से सुधीर शर्मा को 9425925911 पर एसएमएस किए. इनमें संविदा शाला शिक्षक भर्ती परीक्षा में पास कराने की सिफारिशें थीं. 28 फरवरी को नवभारत टाइम्स ने लिखा- व्यापमं घोटाले को लेकर विपक्ष के निशाने पर चल रहे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह धीरे-धीरे अकेले पड़ते जा रहे हैं. विपक्ष के हमले के चलते विधानसभा का बजट सत्र अचानक स्थगित होने के बाद खुद शिवराज मंत्रिमंडल के सदस्य यह मान रहे हैं कि मुख्यमंत्री को कांग्रेस के आरोपों का कानूनी जवाब देना चाहिए. जिस तरह दिग्विजय सिंह ने हलफनामा देकर आरोप लगाए हैं, उन्हें देखते हुए मुख्यमंत्री कम से कम हलफनामा देकर उत्तर तो दे ही सकते हैं. उधर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह पर डर्टी पॉलिटिक्स करने और तथ्यहीन आरोप लगाने की बात दोहराई है. शिवराज लगातार यही कहते आ रहे हैं कि मेरी क्लिन इमेज से कांग्रेस भयभीत है. लगातार हार रही कांग्रेस के नेता बौखला कर झूठे आरोप लगा रहे हैं. लेकिन उनके आरोपों से जनता गुमराह नहीं होगी. दिग्विजय सिंह के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के सवाल पर शिवराज अब भी मौन साधे हुए हैं.

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