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FLOP **** (News Rating Point) 30.01.2016
बिहार में कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ सिंह एक लड़की के अपहरण के आरोप के चलते अखबारों और टीवी चैनलों की सुर्ख़ियों में रहे. दरअसल बिहार के बिक्रम से कांग्रेस के विधायक सिद्धार्थ सिंह के खिलाफ नाबालिग लड़की के अपहरण का केस दर्ज करवाया गया था. लड़की के पिता ने बताया था कि विधायक उनके घर से लड़की को उठा ले गए. इस दौरान उनके साथ अन्य लोग भी मौजूद थे. लड़की के पिता ने सिद्धार्थ और उनके सहयोगी मुकेश शर्मा पर अपहरण की एफआईआर मसौढ़ी थाने में दर्ज करवाई है. लेकिन इस शुक्रवार को एक ट्विस्ट आ गया. जब लड़की वापस लौट आई. अखबारों ने लिखा कि निधि नाम की यह लड़की असल में विधायक के ड्राइवर की गर्लफ्रेंड है और वह अपने बॉयफ्रेंड के साथ खुद सीनियर एसएसपी मनु महाराज के आवास पहुंच गई. लड़की का कहना है कि विधायक का ड्राइवर पंकज उसका बॉयफ्रेंड है और वह अपनी मर्जी से उसके साथ गई थी. बताया जा रहा है कि दोनों ने शादी भी कर ली थी. एसएसपी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि निधि ने पंकज के साथ संबंध होने का दावा किया है. पुलिस अब दोनों के बयान दर्ज करेगी और फिर लड़की का मेडिकल टेस्ट भी करवाएगी. निधि ने मामले में मीडिया के सामने भी अपनी बात रखी है. उसने अपने पिता पर आरोप लगाया कि उन्होंने उसकी मर्जी के खिलाफ 50 साल के शख्स के साथ उसकी शादी करवा दी थी. इस मामले में विधायक सिद्धार्थ की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर उसने कहा कि वह तो उन्हें जानती तक नहीं है.
लेकिन जब तक यह कहानी सामने आती, मीडिया ने सिद्धार्थ सिंह का पुराना इतिहास खंगाल दिया. दैनिक भास्कर सहित तमाम अखबारों ने लिखा कि ड़की के किडनैपिंग केस में फंसे कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ कुमार सिंह ने 15 साल की उम्र में ही अपने दोस्त का मर्डर कर दिया था. विधायक ने गर्लफ्रेंड के लिए अपने दोस्त की गोली मारकर हत्या कर दी थी. मामले में वे सजा भी काट चुके हैं और जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत 15 मई 2009 को वे जेल से रिहा हुए थे. कांग्रेस MLA ने नौंवी में पढ़ाई के दौरान 1998 में अपने दोस्त अभिषेक की गोली मारकर हत्या कर दी थी. मृतक छात्र सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज का पोता था. बताया जाता है कि MLA पर फुलवारी शरीफ, बेऊर व विक्रम थाने में कई मामले दर्ज हैं. सिद्धार्थ पटना के प्रसिद्ध डॉक्टर उत्पलकांत का बेटा है. पिता के रसूख के कारण जेल से रिहाई के बाद उन्होंने पॉलिटिक्स में हाथ आजमाना शुरू किया था. 2010 में सिद्धार्थ पहली बार विक्रम विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे, लेकिन इन्हें हार का सामना करना पड़ा था. बाद में सिद्धार्थ लोजपा में शामिल हो गए. 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में सिद्धार्थ ने चुनावी हलफनामे में अपने शादीशुदा होने का जिक्र नहीं किया है. उनके पिता के मुताबिक सिद्धार्थ शादीशुदा है व उसके दो बच्चे भी हैं. 2015 विधानसभा चुनाव में सिद्धार्थ को लोजपा से टिकट नहीं मिला तो उन्होंने कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए. पार्टी ने उन्हें विक्रम विधानसभा सीट से टिकट दिया जिसके बाद वे चुनाव जीतने में कामयाब रहे.
(अखबारों, चैनलों और अन्य स्रोतों के आधार पर)
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