फैशन के बाप की तो सुनोगी न, मेरी जान !!!

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नवल कान्त सिन्हा

(NRP) 28.12.2015
हे नारियों ! ज़ीरो फिगर की दीवानियों ! हैरान न हो, परेशान न हो… एक बात को समझ लो, इस ज़ीरो फीगर में कुछ नहीं रखा है. हां, सही कह रहा हूँ, मान लो मेरी बात… “क्या कहा ??? नहीं…” अच्छा तो किसी का न सुनो लेकिन फैशन के बाप की तो सुनोगी न !!! फैशन का बाप यानी फ्रांस… मशहूर है कि फ़्रांस में जो लाइफस्टाइल और फैशन चलता है, वो दुनिया के कई मुल्कों में दशकों बाद पहुंचता है… तो हुआ न फ्रांस फैशन का बाप…
अब लेटेस्ट सुनिए…. फ्रांस ने मॉडलिंग में अति ज़्यादा दुबली-पतली मॉडलों के प्रवेश पर रोक लगा दी है. ऐसी मॉडल्स अगर फिर भी रैंप पर छाना चाहती हैं तो उन्हें डॉक्टर से एनओसी लेनी होगी. इतना ही नहीं दस दिन पहले बने कानून में यह भी तय कर दिया कि विज्ञापनों में नजर आने वाली जिन हसीनाओं के बॉडी शेप को स्लिम दिखाने के लिए ‘ऑल्टर’ किया गया है, उन तस्वीरों पर भी ‘एडिटेड’ लिखा जाएगा. यानी जैसे ही आपका बॉडी मास इंडेक्स ज्यादा कम हुआ तो आपकी ब्यूटी कबाड़ का सामान हो जायेगी. क्योंकि जो हुस्न रैम्प पर या तस्वीरों में ही न दिख सके, तो बताइये ऐसे हुस्न, ऐसी अदा का फायदा ही क्या… खुदा न खास्ता किसी पगलैठ मॉडलिंग एजेंसी ने इन सूखी हसीनाओं को रैम्प पर उतार ही दिया तो फ़्रांस में उसे 80 हज़ार डॉलर के जुर्माने और 6 महीने के कैद के लिए तैयार रहना होगा. वैसे दुबलियों को दूर करने का क़ानून केवल फ़्रांस में ही नहीं बना, ऐसे नियम तो पहले से ही इजरायल, इटली और स्पेन में हैं.
यानी पूरी दुनिया में यह साबित हो गया कि जो भारतीय नर मांसल देह की तरह आकर्षित होते थे, वही स्वस्थ प्रवृत्ति वाले है. तो जानेमन काहे भूखी मर रही हो… खाओ, जो खाना है… पीओ, जो पीना है… लेकिन स्वस्थ रहो… याद आया- करीब चार-पांच साल लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में डॉ. सूर्यकांत के मार्गदर्शन में हुए रिसर्च में पाया गया था कि छरहरी काया पाने के लिए नवयौवनाएं टीबी का शिकार हो रही हैं. यानी जिस देह की खातिर उन्होंने दाना-पानी छोड़ा, उस देह की ही दुनिया से दाना-पानी उठने की स्थिति आ गयी. तब छोड़ो न, बॉलीवुड की जीरो फीगर का कम्पटीशन… वैसे भी सोनाक्षी सिन्हा, विद्या बालन और हुमा कुरैशी जैसी हिरोइन्स की फ़िल्में नहीं चल रहीं क्या !!! और फिर देह पर नज़र डालने वाले कब, किसके हुए हैं… जो दिल से देखे और दिल को ही देखे, वही तो हुआ न सच्चा पारखी… है कि नहीं !!!

 

[box type=”info” head=”नोट”]सिर्फ हास्य-व्यंग्य है, दिल पर न लें… किसी का कलेजा दुखाना कभी किसी हास्य-व्यंग्य का मकसद नहीं हो सकता, सचमुच… फिर भी बुरा लगा तो- हमसे भूल हो गयी हमका माफी दई दो… नहीं तो फोन कर दो, मेल कर दो- आइंदा आपसे बचकर चलेंगे भैया…[/box]

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