HIT **** (News Rating Point) 28.05.2016
यूपी के पूर्व सांसद सुरेंद्र नागर समाजवादी पार्टी से राज्यसभा का प्रत्याशी घोषित होने की वजह से चर्चा में रहे. अंतिम समय में सपा कोटे से अचानक राज्यसभा उम्मीदवार की सूची में सुरेंद्र नागर का नाम जुड़ गया. उन्होंने नामांकन भी कर दिया है. लोकसभा में टिकट नहीं मिलने पर सुरेंद्र नागर बसपा का दामन छोड़कर साइकिल पर सवार हो गए थे. उन्होंने सपा प्रत्याशी नरेंद्र भाटी को पूरी ताकत से चुनाव लड़वाया, हालांकि नरेंद्र भाटी चुनाव हार गए. इसके अलावा सपा ने लोकसभा चुनाव में गुर्जर बिरादरी में अच्छी पकड़ रखने वाले सुरेंद्र नागर को वेस्ट यूपी के कई सीटों पर स्टार प्रचारक के रूप में उपयोग किया. इसके बाद जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में मेरठ की जिम्मेदारी दी. वहां काफी विपरीत परिस्थिति होने के बावजूद अतुल प्रधान की पत्नी को जिला पंचायत अध्यक्ष बनाया. हापुड़ और बुलंदशहर जनपद में भी जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में उनकी रणनीति का अहम योगदान माना जाता है. हाल में संपन्न विधान परिषद के चुनाव में सपा प्रत्याशी नरेंद्र भाटी को जिताने में भी उन्होंने कड़ी मेहनत की थी. इस तरह एक के बाद एक सफलताओं के चलते सपा आलाकमान की नजरों में उनका कद और रुतबा बढ़ता चला गया. सियासी पंडित बताते हैं सपा ने उन्हें इन्हीं उपलब्धियों के मद्देनजर और वेस्ट में गुर्जर वोटरों को संदेश देने के लिए उन्हें राज्यसभा में भेजने का मन बनाया है.
(अखबारों, चैनलों और अन्य स्रोतों के आधार पर)