भ्रष्टाचार की इमारत के ध्वंस की चर्चा पूरे दुनिया की मीडिया में

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नितिन श्रीवास्तव
लखनऊ। यूपी के नोएडा में स्थित ट्विन टावर रविवार को दोपहर ढाई बजे जमींदोज हो गया। जब ट्विन टावर में धमाका हुआ तो आसमान धूल से भर गया और बिल्डिंग 9 सेंकड में पूरी तरह से ढह गई। ट्विन टावर में धमाके के लिए आसपास की इमारतों को पहले ही खाली करा लिया गया था। पूरे देश और दुनिया में ट्विन टॉवर पर खबरें चलीं। देश के सभी न्यूज़ चैनलों और अखबारों में ये खबर लीड रही। साथ ही ध्वस्तीकरण की इस सफल कार्यवाही पर योगी सरकार की चर्चा भी हुई।
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अखबारों ने लिखा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 26 सरकारी अफसरों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। CM ऑफिस से इन अफसरों की लिस्ट भी जारी हो गई है। टावर बनते समय ये अफसर किसी न किसी पद पर नोएडा डेवलपमेंट अथॉरिटी में तैनात थे। इनके संरक्षण में ही इमारत को 15 से 32 मंजिल बनाने की मंजूरी दी गई थी।
खास बात यह है कि CM ऑफिस से जो लिस्ट जारी हुई है, उसमें से अधिकतर अफसर रिटायर हो चुके हैं। तत्कालीन अफसरों के अलावा सुपरटेक लिमिटेड के चार निदेशक और आर्किटेक्ट भी आरोपियों की लिस्ट में शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट में जब ये मामला चला और वहां से टावर गिराने के आदेश हुए, तो योगी सरकार ने सितंबर 2021 में 4 सदस्यों की कमेटी बनाकर पूरे मामले की जांच कराई। जांच कमेटी ने नोएडा अथॉरिटी के 26 अफसरों और कर्मचारियों की संलिप्तता इस मामले में बताई। इसके अलावा सुपरटेक बिल्डर्स के निदेशक और उनके आर्किटेक्ट भी भ्रष्टाचार के ट्विन टावर मामले में आरोपी के तौर पर पहचाने गए। इसके बाद योगी सरकार ने अक्टूबर 2021 में इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई।

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