एनआरपी डेस्क
लखनऊ। हाईवे और एक्सप्रेसवे पर टोल से कमाई में केंद्र सरकार के साथ राज्यों की कमाई भी बढ़ रही है, लेकिन टोल आपरेटरों और उनके कर्मियों में कार्यकुशलता की कमी और तकनीक अपडेट करने में ढिलाई के कारण टोल प्लाजा अव्यवस्थाओं और लोगों की परेशानी के ठिकाने बने हुए हैं। 31 मार्च को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में नेशनल हाईवे (एनएच) और एक्सप्रेसवे पर टोल से वसूली 61,000 करोड़ रुपये से अधिक रही। इसके पहले वाले साल के मुकाबले यह दस प्रतिशत यानी लगभग 6,100 करोड़ रुपये अधिक है। अपने हाईवे और एक्सप्रेसवे के माध्यम से राज्यों की एजेंसियों का हिस्सा 11,000 करोड़ रुपये रहा। इस तरह नेशनल हाईवे, एक्सप्रेसवे और स्टेट हाईवे पर फास्टैग के माध्यम से कुल टोल संग्रह 72,000 करोड़ रुपये से कुछ अधिक रहा है। टोल संग्रह में यह बढ़ोतरी शुल्क में वृद्धि के साथ ही टोल वाली सड़कों का दायरा बढ़ने का परिणाम है।