यूपी के राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने इस्तीफा दिया, जलशक्ति विभाग की फजीहत

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नितिन श्रीवास्तव
लखनऊ। जलशक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटिक ने अपनी व्यथा अमित शाह को बताकर इस्तीफा दे दिया। उनका यह पत्र बुधवार को मीडिया को उपलब्ध हुआ। जबकि मंगलवार शाम से ही उनके इस्तीफे के खबर चल रही थी लेकिन कोई पुष्टि नहीं कर रहा था। जलशक्ति मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने ऐसी किसी भी जानकारी से इनकार कर दिया था। बहरहाल इस खबर से जलशक्ति विभाग की जबरदस्त फजीहत हो रही है। हालांकि दिनेश खटीक ने अपने पत्र में पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह और योगी आदित्यनाथ की तारीफ कर इनकी छवि को बरकरार रखा। स्वतंत्रदेव सिंह की छवि के लिए ये विपरीत खबर है। प्रमुख सचिव सिंचाई अनिल गर्ग का उल्लेख तो पत्र में साफ साफ किया गया है।

दिनेश खटीक ने जो पत्र लिखा है, वह इस तरह से है –

माननीय अमित शाह जी,
सादर अवगत कराना है कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जे०पी० नड्डा जी एवं श्री अमित शाह जी के अथक परिश्रम एवं कुशल नेतृत्व में दलितों और पिछड़ों को साथ लेकर चलने के कारण आज भाजपा सरकार का गठन हुआ है। इसी क्रम में दलित समाज से जुड़े होने के कारण मुझे भी एक ईमानदार एवं स्वच्छ छवि वाले मा० मुख्य मंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में जल शक्ति विभाग में राज्य मंत्री नियुक्त किया गया है जिससे पूरा दलित समाज भाजपा सरकार के प्रति पूरी तरह से उत्साहित एवं समर्पित है परन्तु जल शक्ति विभाग में दलित समाज का राज्य मंत्री होने के कारण मेरे किसी भी आदेश पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है और न ही मुझे किसी बैठक की सूचना दी जाती है न ही विभाग में कौन-कौन सी योजनाएं वर्तमान में संचालित है तथा उस पर क्या कार्यवाही हो रही है इत्यादि कोई सूचना अधिकारियों द्वारा नहीं दी जाती है जिसके कारण राज्य मंत्री को विभाग के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं हो पाती है। सम्बंधित विभाग के अधिकारी राज्य मंत्री को केवल विभाग द्वारा गाड़ी उपलब्ध करा देना ही राज्य मंत्री का अधिकार समझते हैं और इतने से ही राज्यमंत्री के कर्त्तव्यों का निर्वहन हो जाना समझते हैं। इस विभाग में स्थानांतरण सत्र में बहुत बड़ा भ्रष्टाचार किया गया है। श्री योगी आदित्यनाथ, मा०मुख्यमंत्री जी के जीरो टारलेंस नीति को ध्यान में रखते हुये मेरे संज्ञान में आने पर इस विभाग में स्थानांतरण सत्र 2022-23 में किये गये अधिकारियों के स्थानांतरण से सम्बंधित सूचना मेरे द्वारा अपने पत्र संख्या – 309 / ज.श.वि. / 2022 दिनांक 09.7.2022 को मांगी गयी तो उसकी सूचना अभी तक नहीं दी गयी है। कई दिनों के बाद विभागाध्यक्ष से दूरभाष पर वार्ता करके सूचना हेतु कहा गया तब भी उन्होंने आजतक सूचना उपलब्ध नहीं करायी है। प्रमुख सचिव, सिंचाई, अनिल गर्ग को उक्त स्थिति से अवगत कराना चाहा तो उन्होंने बिना मेरी पूरी बात सुने ही टेलीफोन काट दिये और वह भी मेरे बात को अनुसुना कर दिये जो एक जनप्रतिनिधि का बहुत बडा अपमान है। मैं एक दलित जाति का मंत्री हूँ इसीलिये इस विभाग में मेरे साथ बहुत ज्यादा भेदभाव किया जा रहा है। मुझे विभाग में अभीतक कोई अधिकार नहीं दिया गया है इसलिये मेरे पत्रों का जवाब नहीं दिया जाता है मेरे द्वारा लिखे गये पत्रों पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। इस विभाग में नामामि गंगे योजना के अन्दर भी बहुत बड़ा भ्रष्टाचार फैला हुआ है जो ग्राउण्ड पर जाने पर पता चलता है और जब मैं कोई शिकायत किसी भी अधिकारी के विरुद्ध करता हूँ तो उस पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। चाहें तो इसकी किसी एजेंसी से जांच भी करायी जा सकती है।
यहां यह भी अवगत कराना चाहता हूँ कि 2014 में हमारे देश आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह जी के नेतृत्व में जो भाजपा सरकार बनी हुई है। उसके आदर्शों पर ईमानदारी और सच्चाई से देश के प्रधानमंत्री जी ने दलितों और पिछड़ों को सम्मान के साथ भाजपा में लाने का प्रयास किया है और उन्हीं के आदर्शों के कारण दलित समाज और पिछड़ा समाज आज पूरी तरह से भाजपा के साथ खड़ा है लेकिन उत्तर प्रदेश में सरकार के अन्दर अधिकारीगण उतना ही दलितों का अपमान कर रहे है। मैं दलित समाज से हूँ और दलित समाज मुझसे पूरी तरह से जुड़ा हुआ है और वह पूरी तरह से मुझसे अपेक्षा रखता है कि उसके साथ अन्याय न होने पाये जब में उसके साथ हो रहे अन्याय को लेकर अधिकारियों को अवगत कराता हूँ अधिकारी उस पर कोई कार्यवाही नहीं करते हैं जिससे मेरी ही नहीं बल्कि पूरे दलित समाज का अपमान हो रहा है।
मुझे मेरे ही विभाग के अधिकारियों द्वारा कोई तवज्जो न दिये जाने के कारण एवं दलितों को उचित मान-सम्मान न मिलने के कारण और मा० प्रधानमंत्री जी के योजना नमामि गंगे एवं हर घर जल योजना के नियमों की अनदेखी हो रही है। मेरे विभाग में स्थानांतरण के नाम पर गलत तरीके से धनवसूली की गयी है। संज्ञान में आने पर जब मैंने विभागाध्यक्ष से इसकी सूचना मांगी तो अभीतक उनके द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी है। जब विभाग में दलित समाज के राज्य मंत्री का विभाग में कोई अस्तित्व नहीं है तो फिर ऐसी स्थिति में राज्यमंत्री के रूप में मेरा कार्य करना दलित समाज के लिये बेकार है। इन्हीं सब बातों से आहत होकर मैं अपने पद से त्यागपत्र दे रहा हूँ।
(दिनेश खटीक)

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