HIT ***** (News Rating Point) 07.11.2015
अखिलेश यादव मंत्रिमंडल में वंशीधर बौद्ध को समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण, सैनिक कल्याण विभाग आवंटित किया गया है. बलहा, बहराइच से विधायक बौद्ध 60 साल के हो चुके हैं. बलहा के उपचुनाव में जीत दर्ज करने वाले बंशीधर की जिंदगी संघर्षों की कहानी है. परिवार का खर्च चलाने के लिए उन्होंने सेंट्रल स्टेट फार्म की चौकीदारी तक की है. आज भी झोपड़ी में रहने वाले बंशीधर ने साइकिल का पंक्चर तक बनाया है. पहलवानी का दांवपेंच सीखकर अखाड़े में भी भाग्य आजमाने वाले बंशीधर की किस्मत राजनीति ने चमका दी. बसपा के काडर की राजनीति करने वाले बंशीधर के पार्टी बदलते ही उनकी भाग्य ने भी पलटा खाया और बंशीधर फर्श से अर्श पर पहुंच गए. बहराइच में बलहा से विधायक बंशीधर बौद्ध जब तक बसपा में थे, उनका कोई भला नहीं हुआ. पर, दलित विरोधी सरकार का ठप्पा सह रही सपा सरकार के लिए बौद्ध ही इन आरोपों के असली जवाब माने जा रहे हैं. पहले बसपा से लाकर विधायक बनाना और फिर मंत्री बनाने से सरकार के सारे समीकरण सध गए. सरकार अब न सिर्फ किसान वर्ष में मंत्रिपरिषद में एक वास्तविक किसान को भागीदारी देने का दावा कर सकती है, बल्कि वास्तविक दलित को पद और सम्मान देने का भी दावा कर सकती है. वैसे भी, जब दलित वोटों के लिए बसपा और भाजपा में जोरआजमाइश चल रही है, सपा ने बेहद गरीब, ईमानदार, सहज और सरल छवि वाले बौद्ध को राज्यमंत्री बनाकर दलित हितैषी छवि पेश करने का रास्ता बना लिया है. कहा जा रहा है कि सीएम ने बौद्ध को अपनी इच्छा से मंत्री बनाया है.
(अखबारों, चैनलों और अन्य स्रोतों के आधार पर)