HIT **** (News Rating Point) 06.02.2016
पूर्व माध्यमिक शिक्षा निदेशक वासुदेव यादव इस सप्ताह समाजवादी पार्टी के एमएलसी प्रत्याशी घोषित होने के वजह से चर्चा में आये. दैनिक जागरण लिखता है कि वासुदेव यादव की गिनती सपा के सत्ता में आने के बाद ही ताकतवर अधिकारियों में होने लगी थी. उन्हें पहले माध्यमिक शिक्षा का निदेशक बनाया गया था. बाद में तो उनका प्रभुत्व इतना बढ़ा कि उन्हें माध्यमिक के साथ ही बेसिक की जिम्मेदारी भी दे दी गई. यूपी में यह पहला अवसर था जबकि किसी एक अधिकारी को शिक्षा के दो अहम महकमों की कमान सौंपी गई थी. उनकी गिनती सपा के मुखिया मुलायम सिंह यादव के नजदीकी लोगों में होती है. यही वजह थी कि सेवानिवृत्त होने के बाद भी उनके कोई न कोई संवैधानिक पद दिए जाने की चर्चाएं आती रहीं. जब अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का गठन हुआ तो उसका सदस्य बनाए जाने की बात भी उठी. माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा भी उड़ती रही. इस बीच राजधानी लखनऊ में वासुदेव यादव को खादी के कुर्ते-पैजामे में देखा जाने लगा तो यह मान लिया गया कि अब वह राजनीतिक पारी शुरू करने जा रहे हैं.
(अखबारों, चैनलों और अन्य स्रोतों के आधार पर)
[su_youtube url=”https://www.youtube.com/watch?v=7s4ZciagE7s” width=”400″ height=”300″]