Vijay Karan Anand, IAS, Uttar Pradesh

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(News Rating Point) 02.06.2016
लखनऊ. युवा ‘कलक्टर साहब’ एक चौपाल पर ग्रामीणों के साथ गरम कॉफी पी रहे हैं और लइया-चना फांक रहे हैं. एक युवा महिला आईएएस अधिकारी आंगनबाड़ी केंद्र पर एक शिशु को गोद में खेला रही हैं. एक जिलाधिकारी एक मोटरसाइकिल के पीछे बैठकर वाराणसी के एक गांव में यह देखने जाते दिखते हैं कि खुले में कहां शौच किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश में यह धारणा गलत साबित हो रही है कि नौकरशाह केवल दफ्तर में आराम करने के लिए होते हैं. प्रदेश में युवा अधिकारियों की टीम एक नया अध्याय लिख रही है, जिससे न केवल लोगों को लाभ हो रहा है बल्कि लंबे समय से बदलाव की बाट जोह रही राज्य की बिगड़ी हुई नौकरशाही भी बदल रही है.
आईबीएन 7 ने लिखा कि वाराणसी के जिलाधिकारी विजय करण आनंद भी इसी तरह का उदाहरण पेश कर रहे हैं. कई बार वह दूर दराज के इलाके में मोटरसाइकिल के पीछे बैठ कर वास्तविक स्थिति देखने के लिए पहुंच जाते हैं. हाल में वह सुबह पांच बजे एक मोटरसाइकिल के पीछे बैठकर स्वच्छता, बिजली एवं नाले की वास्तविक स्थिति देखने निकल पड़े थे. उन्होंने दयानगर मलिन बस्ती और सिगरा की दयनीय हालत देखी और तत्काल स्थिति में सुधार करने का आदेश दिया. वह लोगों को यह समझाने के लिए सुबह-सुबह गांवों में भी पहुंच जाते हैं कि खुले में शौच न करें.
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