HIT **** (News Rating Point) 07.11.2015
अखिलेश सरकार में बड़ी सफलता जिसके हाथ लगी है, वह हैं विनोद कुमार उर्फ़ पंडित सिंह. तमाम विवादों के बावजूद विनोद कुमार उर्फ पंडित सिंह को कृषि (कृषि विदेश व्यापार, कृषि निर्यात एवं कृषि विपणन को छोड़कर), कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान विभाग का कैबिनेट मिनिस्टर बना दिया गया. गोंडा से विधायक 53 वर्ष के पंडित सिंह लगातार तीसरी बार विधायक चुने गए हैं. स्नातक तक पढ़ाई करने वाले पंडित सिंह पहली बार 1996 में 13वीं विधानसभा में सदस्य चुने गए थे. बल्लीपुर गोंडा के रहने वाले पंडित सिंह मुलायम सिंह यादव की सरकार में राज्य मंत्री चिकित्सा शिक्षा थे. वे अखिलेश यादव की सरकार में माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री के पद पर कार्य कर रहे थे. वे धारा 144 के उल्लंघन में 20 दिन तक जिला कारागार गोंडा, कुशीनगर, गोरखपुर व लखनऊ में बंदी भी रहे हैं. कैबिनेट मंत्री बनने के बाद उनकी हैसियत बड़ी हो गयी है. सपा सरकार में जब तक कुंवर आनंद सिंह मंत्री थे, उनके सामने पंडित हों या योगेश प्रताप सिंह सभी का आभामंडल ढंक जाता था. बृजभूषण पार्टी में रहे जरूर, लेकिन सपा से उनकी पहचान कभी नहीं जुड़ पाई. लोकसभा चुनाव के ऐन पहले बृजभूषण और आनंद सिंह के बेटे कीर्तिवर्धन सिंह भाजपा में चले गए. अब जबकि विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, गोंडा में पार्टी का चेहरा बने पंडित सिंह या योगेश प्रताप सिंह में से किसी को आगे बढ़ाना जरूरी हो गया था. राजा से योगेश की नजदीकी, लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बनने से इन्कार और दिल्ली में भाजपा के एक केंद्रीय मंत्री से उनकी कथित मुलाकात की शिकायत ने योगेश का समीकरण गड़बड़ा दिया. इसके बाद अखिलेश के खेमे के माने जाने वाले योगेश का पत्ता कटना पक्का हो गया था. फिर ठाकुरों की सियासत वाले इस जिले में जहां सात विधायकों में से पांच ठाकुर हैं, सपा के लिए पंडित ही एक मात्र विकल्प बचे थे. दूसरा, एक कैबिनेट व दो मंत्री वाले जिले में पंडित को कैबिनेट मंत्री बनाना जातीय समीकरण के लिहाज से भी फिट रहा.
(अखबारों, चैनलों और अन्य स्रोतों के आधार पर)