कौन है ऋषि सुनक और अक्षता मूर्ति… क्यों हैं चर्चा में

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आदेश शुक्ला
लंदन. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की रेस में चर्चा के साथ भारतीय मूल के ब्रिटिश राजनेता ऋषि सुनक की चर्चा में आ गए. ऋषि सुनक की पत्नी भी भारतीय हैं. उनकी पत्नी देश की दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस के फाउंडर एनआर नारायणमूर्ति की बेटी हैं.
मार्च 2022 में आई ‘संडे टाइम्स रिच लिस्ट’ में ऋषि सुनक और उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति का नाम भी शामिल था. तब यह बात चर्चा में आई की दोनों दंपत्ति की संपत्ति ब्रिटेन की महारानी से भी ज्यादा है.
उस लिस्ट के मुताबिक, यह दंपती 73 करोड़ पाउंड की संयुक्त संपत्ति के साथ इस सूची में 222वें पायदान था. इस सूची में अनुमानित 28.472 अरब पाउंड की संपत्ति के साथ शीर्ष पर भारतीय मूल के हिंदुजा बंधु थे. द टाइम की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस दंपत्ति की अपनी निजी संपत्ति लगभग 430 मिलियन पाउंड आंकी गई है, जो उन्हें महारानी से अधिक अमीर बनाती है. महारानी की संपत्ति 350 मिलियन पाउंड है.
ऋषि सुनक नेता बनने से पहले इंवेस्टमेंट बैंकर, गोल्डमैन सैक्स के विश्लेषक थे. बाद में वे दो हेज फंडों में हिस्सेदार भी रहे. इसके अलावा सांसद और चांसलर के रूप में उनका सरकारी वेतन 1,51,649 पाउंड है.

यहां हुआ था सुनक का जन्म
ऋषि सुनक का जन्म 12 मई 1980 को ब्रिटेन के साउथम्पैटन में हुआ था. उनके माता-पिता दोनों भारतीय मूल के थे. पिता डॉक्टर थे. ऋषि तीन भाई- बहनों में सबसे बड़े हैं. उन्होंने विंस्चेस्टर कॉलेज से राजनीति विज्ञान की पढ़ाई की.
इसके बाद उनका दाखिला ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुआ, जहां उन्होंने फिलोसॉफी और इकॉनोमिक्स में डिग्री हासिल की. राजनीति में उनका आगाज 2015 में हुआ, जब वे यॉर्कशायर के रिचमंड से सांसद बनके पहली बार संसद पहुंचे. उस समय ब्रेग्जिट (Brexit) का समर्थन करने के चलते पार्टी में उनका कद लगातार बढ़ता चला गया.
2015 से 2017 तक उन्होंने पर्यावरण, खाद्य और ग्रामीण मामलों की चयन समिति के सदस्य के रूप में कार्य किया. वह जनवरी 2018 से जुलाई 2019 तक संसदीय अवर सचिव रहे. जुलाई 2019 में बोरिस जॉनसन सरकार में उन्हें ट्रेजरी का मुख्य सचिव नियुक्त किया गया था. वह 25 जुलाई 2019 को प्रिवी काउंसिल के सदस्य बने. फरवरी 2020 में कैबिनेट में फेरबदल के तहत उनको राजकोष के चांसलर के रूप में पदोन्नत किया गया था. कोरोना महामारी के बीच सुनक ने अपना पहला बजट मार्च 2020 में पेश किया था. हाल में बोरिस जॉनसन के प्रधानमंत्री बने रहने के खिलाफ इस्तीफा देने वाले वह पहले मंत्री थे.

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