नितिन श्रीवास्तव
लखनऊ। उपचुनाव से पहले हर एक विश्लेषक समाजवादी पार्टी का पड़ला मजबूत बता रहा थाम अखिलेश यादव को इतना आत्मविश्वास था कि वह दोनों जगह प्रचार करने ही नही गए। लेकिन परिणाम आप सबके सामने है। बीजेपी ने आजमगढ़ और रामपुर दोनों लोकसभा सीटें जीत लीं। ये जीत तो उत्तर प्रदेश में हुईं लेकिन दिल्ली के अखबारों में योगी आदित्यनाथ की धूम नजर आ रही है।
जीत हुई यूपी में लेकिन दिल्ली के अखबारों में योगी आदित्यनाथ की धूम… हिंदी और अंग्रेजी के अखबारों में जबरदस्त कवरेज…@myogiadityanath @navneetsehgal3 @ShishirGoUP
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नवभारत टाइम्स ने लिखा कि असल में योगी को लोगों ने सलाह दी थी कि आजमगढ़ और रामपुर चुनाव को प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाने से बचना चाहिए, लेकिन योगी ने कहा कि अधूरे मन से लड़ा जाने वाला युद्ध जीता नहीं जा सकता। इसके बाद उन्होंने आजमगढ़ और रामपुर का मोर्चा संभाला। अलग-अलग पार्टियों के इन तीन बड़े नेताओं की इस मनोदशा ने ही आजमगढ़ और रामपुर उपचुनाव में नई इबारत लिख दी।
दरअसल साल दर साल, चुनाव दर चुनाव भाजपा विपक्ष से अपने को अगर आगे करती जा रही है, तो उसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि वह हर चुनाव को एक नई चुनौती के रूप में लेती है। हर नतीजे से सबक भी लेती है, लेकिन विपक्ष ने अपने चारों तरफ ऊंची दींवारें खींच ली हैं, जिनके चलते वह जमीनी हकीकत को देख ही नहीं पा रहा है और ऐसा लगने लगा है कि वह देखना भी नहीं चाहता है।