नवल कान्त सिन्हा
(News Rating Point) 04.02.2016
हे भगवान ! आप विश्वास नहीं करेंगे लेकिन आपको बता दूं फिल्म अभिनेता राज बब्बर, जिमी शेरगिल, लोकगायिका मालिनी अवस्थी और क्रिकेटर सुरेश रैना जैसे लोगों के पास इतना पैसा नहीं है कि वो घर चला सकें… लग तो यूं रहा है कि खाने की लाले पड़े हुए हैं… सच कह रहा हूँ… मान भी जाइए क्योंकि रोज़-रोज़ तो अखबार में झूठी खबरें नहीं छपतीं… आज ही लखनऊ अमर उजाला में आलोक पराड़कर की रिपोर्ट पढ़ी तो पता चला कि यूपी के यश भारती से सम्मानित 141 लोगों में से 25-30 को छोड़ दें तो सबने पेंशन के लिए आवेदन किया है. उन्हें यूपी सरकार से 50 हजार रुपये प्रति माह पेंशन चाहिए. ऐसे लोगों में प्रसिद्ध अभिनेता, कांग्रेस के सांसद राज बब्बर, उनकी पत्नी नादिरा बब्बर, जाने-माने क्रिकेटर सुरेश रैना, मुहम्मद कैफ, फिल्म अभिनेता जिमी शेरगिल, यूपी में कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त प्रसिद्ध गीतकार गोपालदास नीरज, रंगकर्मी राज बिसारिया, वरिष्ठ चित्रकार जयकृष्ण अग्रवाल, गीतकार सोम ठाकुर, इतिहासकार योगेश प्रवीण और लोकगायिका मालिनी अवस्थी शामिल हैं. प्रसिद्ध शास्त्रीय, उपशास्त्रीय गायिका गिरिजा देवी, उपशास्त्रीय गायक छन्नूलाल मिश्र भी इसमें शामिल हैं.
अब छन्नू लाल और गिरिजा देवी को तो मान सकता हूं क्योंकि शास्त्रीय गाते हैं, कोई रॉक बैंड तो चलाते नहीं, हो सकता है कि खाने को न हो… चलिए क्रिकेटर कैफ को भी मान लिया, टीम में नहीं है, कौन विज्ञापन के ऑफर आ रहे होंगे. जिमी शेरगिल को भी मान लूंगा. बेचारे बॉलीवुड में चल ही नहीं पाए. नीरज, राज बिसारिया, जयकृष्ण, सोम ठाकुर, योगेश प्रवीण को भी मान लिया क्योंकि कवि, लेखक, चित्रकार, इतिहासकार के साथ ऐसा हो सकता है. लेकिन अगर राज बब्बर और नादिरा बब्बर ये कहें कि उनके बच्चे यानी कि न तो जूही बब्बर फिल्मों में चल पायीं और न ही आर्य बब्बर… इसलिए ये लोग पेंशन पर जीना चाहते हैं. मालिनी अवस्थी कहें कि पेंशन न मिली तो गुजारा नहीं होगा तो कैसे मान लूं भैया… अरे इनके पति सीनियर आईएएस अधिकारी हैं और वो भी अपने यूपी में, जहां ठेकेदारों और व्यवसाइयों को जूते मार कर ना भगाओ तो जबरदस्ती नोट और गिफ्ट ठूंस देते हैं. न… ना… मै ये नहीं कह रहा कि वह रिश्वत लेते होंगे लेकिन इतनी तनख्वाह तो पाते ही होंगे कि अपनी पत्नी को खाना खिला सकें… अब सुरेश रैना कहें कि उनको इस उम्र में पेंशन की जरूरत है तो हम क्या कहें. हम तो सोचते थे कि पचास हज़ार महीने से ज़्यादा तो उनके परफ्यूम का खर्च होगा…. खैर छोड़िये, हमें क्या लेना… नेता खा जाएँ, इससे अच्छा है कि इनकी पेंशन में ही चला जाए क्योंकि इनकी प्रतिभा पर तो किसी को भी शक नहीं… हाँ इस लिस्ट से लगता है कि अमिताभ बच्चन और उनका परिवार खा-कमा रहा है क्योंकि उन्होंने इस पेंशन को न कर दी थी और अब भी कायम हैं. उन्हें ऐसा ‘यश’ नहीं चाहिए.
[box type=”info” head=”नोट”]सिर्फ हास्य-व्यंग्य है, दिल पर न लें… किसी का कलेजा दुखाना कभी किसी हास्य-व्यंग्य का मकसद नहीं हो सकता, सचमुच… फिर भी बुरा लगा तो- हमसे भूल हो गयी हमका माफी दई दो… नहीं तो फोन कर दो, मेल कर दो- आइंदा आपसे बचकर चलेंगे भैया…[/box]