एनआरपी डेस्क
लखनऊ: लोक निर्माण विभाग (PWD) मे फाइलों के निस्तारण और पारदर्शिता के लिए ई-अफिस व्यवस्था शुरू होने के पहले हो बेपटरी होती नजर आ रही है। आलम यह है कि महकमे में ऑनलाइन फाइले आगे बढ़ाना तो दूर 934 कर्मचारियों ने एक बार भी अपनी लॉगिन आईडी खोली तक नहीं है। खेएम कार्यालय को तरफ से इसे लेकर नाराजगी जताई गई है। अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल की तरफ से मेजे गए पत्र में एचओडी को ऐसे सभी कर्मचारियों की समीक्षा करने को कहा गया है। इसके सापही ई-ऑफिस पर लॉगिन करके ई-फाइल बढ़ाने वाले कर्मचारियों को ही अगले महीने से वेतन जारी करने का निर्देश दिया है। सरकार ने इस साल 25 अप्रैल को सचिवालय, निदेशालय, मुख्यालय, मंडल, जिलों की तहसील और विकास खंदों में ई-ऑफिस शुरू करने का फैसला लिया था। इसके मुताबिक 12 जून सेई-फाइल को ही एक पटल से दूसरे पटल पर भेजा जाना था। निगरानी के लिए बनी नोडल एजेंसी यूपीएलसी ने अपनी रिपोर्ट शासन को भेजी, जिसमें 834 बाबुओं की लॉगिन आईडी से एक भी ई-फाइल आगे न बढ़ाने का खुलासा हुआ। रिपोर्ट के बाद सवाल उठ रहा है कि अगर इतने बाबुओं ने लॉगिन आईडी खोली ही नहीं तो उनके स्तर से ऑनलाइन फाइले आगे बढ़ी कैसे? और उन्हें अप्रूवल कैसे मिला? और अगर ऑनलाइन फाइलें नहीं बढ़ाई गई तो अफसरों ने बाबुओं को इसके लिए टोका क्यों नहीं? नियम के मुताबिक जोन से प्रस्ताव आने पर बाबू अपनी लॉगिन आईपी से जेई को फाइल बढ़ाता है। ऐसा करने के बजाय महकमे के कुछ आला अधिकारी सीधे कंप्यूटर ऑपरेटर से ही प्ाइल बढ़वा रहे।



