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हमारी संकल्पना के बारे मे

माना जाता है कि प्रेस के लिए चौथा स्तम्भ शब्द का प्रयोग ग्रेट ब्रिटेन की संसद के निचले सदन यानी हाउस ऑफ़ कॉमन्स में एक चर्चा के दौरान 1787 में सबसे पहले एडमंड बर्के ने किया था. सही मायने में आज भी स्वतंत्र मीडिया लोकतंत्र की रीढ़ और शासन-सत्ता का सजग प्रहरी है. लेकिन यह भी एक कड़वी हकीकत है कि भारत में लोकतंत्र के प्रमुख तीनों स्तंभों की तरह चौथे स्तम्भ पर भी आरोप लगने लगे हैं. संचार के बढ़ते माध्यमों और सोशल मीडिया के चलते ये आरोप वायरल भी हो जाते हैं, हालांकि अक्सर ऐसे आरोप गलत होते हैं और कभी-कभी सही भी.
लोगों के मन ने शंका होने लगी है कि अगर मीडिया भी किसी पक्ष के साथ हो जाएगा तो सच कैसे सामने आयेगा ? प्रश्न स्वाभाविक है तो उत्तर भी स्वाभाविक है कि सच कभी छुपता नहीं. सच किसी न किसी रूप में सामने आ ही जाता है. बहुत बार आरोप लगते हैं कि अमुक संस्थान या अमुक पत्रकार पक्षपातपूर्ण खबरें प्रस्तुत कर रहा है. इसमें सबसे ज़्यादा आरोप होते हैं राजनीतिक खबरों को लेकर. संस्थानों और पत्रकारों पर किसी ख़ास राजनीतिक दल या विचार से जुड़ने के आरोप भी अब आम हो गए हैं. लेकिन इस चौथे स्तम्भ की खूबी यही है कि कोई संस्थान या पत्रकार भले ही पक्षपाती हो लेकिन सच किसी न किसी कलम से लिख ही दिया जाता है. अब सवाल यह है कि सैकड़ों अखबारों और न्यूज़ चैनलों, हज़ारों वेबसाइट्स में से किसे हम चुने, जिससे कि सही खबरें हम तक पहुँच जाएँ ? इसका जवाब शायद ही किसी के पास होगा. अब ऐसे में क्या रास्ता बचता है ? इसका जवाब ढूँढने की बजाय हमने कोशिश किया कि किसी तरह सच आप तक पहुँच जाए. इसी कोशिश में हम आपके सामने यह संकल्पना लेकर प्रस्तुत हुए हैं और 14 फरवरी 2015 से हम आपके बीच उपस्थित हैं.
News Rating Point (न्यूज़ रेटिंग पॉइंट) में हम देश के राजनेताओं की हर महीने रेटिंग करते हैं. यानी तमाम माध्यमों में कौन सा नेता खबरों में बना रहा, वो खबरें किस मूड की थीं और उन खबरों से सम्बंधित राजनेता की छवि सकारात्मक बन रही है या नकारात्मक और किस हद तक सकारात्मक या नकारात्मक है. रेटिंग को हमने दो हिस्सों में बांटा है- हिट और फ्लॉप. इनमे हमने हिट को छः श्रेणियों में बांटा है और फ्लॉप को भी छः श्रेणियों में. दोनों श्रेणियों में पांच स्टार का मतलब है कि उस सप्ताह सम्बंधित राजनेता हिट या फ्लॉप की उच्चतम रेटिंग में रहा. यहाँ हम यह भी स्पष्ट कर दें कि हम कोई ऐसा दावा नहीं कर रहे हैं कि अमुक नेता की छवि ऐसी ही है. बस एक सुझाव के तौर पर बता रहे हैं कि उस सप्ताह कैसी छवि बन रही है. दरअसल हमारी पंचलाइन से ही हमारी बात स्पष्ट हो जाती है- A Mediameter of Ratings यानी खबरों से बनी राजनेता की छवि का आंकलन. NRP यानी News Rating Point हर महीने की एक तारीख को जारी होता है. इसमें पिछले पूरे महीने की रेटिंग होती है.

आपके सुझाव, शिकायत और आलोचना का सदैव स्वागत.