एनआरपी डेस्क।
लखनऊ। एलडीए ने करीब 90 दिनों (तीन माह) में 68 इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को रिपोर्ट भेनी है। मगर, एक पर भी कार्रवाई नहीं हुई। यह हाल तब है जब सोमवार को फिर से अवैध निर्माण पर हाईकोर्ट में सुनवाई है। हाईकोर्ट की सख्ती के बाद एलडीए ने 10 दिन पहले 13 अवैध अपार्टमेटों को पिराने का नोटिस दिया था। इससे पहले हाईकोर्ट में एक माह पहले हुई सुनवाई के बाद उन 26 अभियंताओं की सूची दोबारा शासन को भेजी थी, जो इनको मनवाने के दोषी थे।
तीन दिन पहले उन 26 इंजीनियरों की रिपोर्ट भी खसन को कार्रवाई के लिए भेजी गई जिनोंने ध्वस्तीकरण अवदेश के बाद भी अवैध अपार्टमेटों को नहीं गिराया। तीन महीने पहले भी 15 इंनियरों की सूची एलडीए ने मंडलायुक्त की नाराजगी के बाद सासन को भेजी थी, जिनकी मिलीभगत से अवैध निर्माण हुए। इस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। 83 अपार्टमेंट बनवाने में दोषी पाए गए 26 इंजीनियरों के खिलाफ एलडीए ने पहली बार साल 2014 में कार्रवाई के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी थी। यह रिपोर्ट हाईकोर्ट में अबैध निर्माग से जुड़े उसी मुकदमे के बाद भेजी गई थी, जिसको सुनवाई सोमवार होनी है।
तीन दिन पहले उन 26 इंजीनियरों की रिपोर्ट भी खसन को कार्रवाई के लिए भेजी गई जिनोंने ध्वस्तीकरण अवदेश के बाद भी अवैध अपार्टमेटों को नहीं गिराया। तीन महीने पहले भी 15 इंनियरों की सूची एलडीए ने मंडलायुक्त की नाराजगी के बाद सासन को भेजी थी, जिनकी मिलीभगत से अवैध निर्माण हुए। इस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। 83 अपार्टमेंट बनवाने में दोषी पाए गए 26 इंजीनियरों के खिलाफ एलडीए ने पहली बार साल 2014 में कार्रवाई के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी थी। यह रिपोर्ट हाईकोर्ट में अबैध निर्माग से जुड़े उसी मुकदमे के बाद भेजी गई थी, जिसको सुनवाई सोमवार होनी है।



