एनआरपी डेस्क।
लखनऊ। राजधानी के वैज्ञानिकों की कोशिशों और शोध से देश में टीबी (ट्यूबरकुलोसिस) जैसी घातक व संक्रामक बीमारी से जल्द ही मुक्ति मिलने की उम्मीद है। केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरआई) से सेवानिवृत्त वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. ब्रहम शंकर श्रीवास्तव व डॉ. रंजना श्रीवास्तव ने ट्यूबरकुलोसिस कारक बैक्टीरिया माइकोबैक्टीरिम के डीएनए में जीनोम सीक्वेंसिंग का इस्तेमाल करके टीची जांच की रैपिड किट तैयार की है। ये किट सिर्फ 10 मिनट में टीबी को पहचान लेगी। इससे मरीज को फौरन इलाज मिल सकेगा। अमेरिका और भारत में डॉ. रंजना ने इस रैपिड टीबी जाथ किट का पेटेंट भी हासिल कर लिया है। डॉ रंजना का दावा है की किट से टीवी के साथ कोरोना बीमारी की भी सटीक व रैपिड जांच संभव है।



