एनआरपी डेस्क
लखनऊ। प्रदेश में एक किलोमीटर से ज्यादा दूरी वाले और 50 से ज्यादा संख्या वाले स्कूलों का विलय (पेयरिंग) निरस्त करने की प्रक्रिया तेज जो गई है। इस नियम के तहत कई जिलों में काफी संख्या में विद्यालयों का विलय निरस्त किया जा रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग के अनुसार लगभग दो से तीन हजार विद्यालयों का विलय निरस्त होगा। इसमें सर्वाधिक संख्या एक किलोमीटर से ज्यादा दूरी वाले विद्यालयों की है। प्रदेश में पिछले एक महीने से ज्यादा से परिषदीय विद्यालयों के विलय की प्रक्रिया चल रही है। इसमें स्थानीय अधिकारियों की ओर से काफी मनमानी के मामले सामने आए। इसकी शिकायत व विरोध-प्रदर्शन बढ़ने पर विभाग ने एक किलोमीटर से ज्यादा दूरी वाले और 50 से ज्यादा नामांकन वाले विद्यालयों का विलय निरस्त करने के निर्देश दिए। इसकी प्रक्रिया एक सप्ताह में पूरी करने को भी कहा गया है। इसके बाद जब जिलों में कार्यवाही शुरू हुई तो पता चला कि विद्यालयों के विलय में किस तरह मनमानी की गई है। अब तक मिली जानकारी के अनुसार ललितपुर में 12, गोरखपुर में 31, चित्रकूट में 40, अम्बेडकरनगर में 154 विद्यालयों का विलय निरस्त किया गया है। एक अनुमान के मुताबिक हर जिले में लगभग 20-25 व कुछ जगह पर और ज्यादा संख्या में विद्यालयों का विलय निरस्त किया जा रहा है। ऐसे में यह संख्या प्रदेश भर में दो से तीन हजार तक होने की संभावना है। वहीं रविवार को समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मानक के अनुरूप ही स्कूलों की पेयरिंग करने और इसमें अनियमितता बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। सीएम के निर्देश के बाद विभाग की ओर से इसमें लापरवाही करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही की भी तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके लिए सोमवार को निदेशालय स्तर पर समीक्षा भी की गई है। माना जा रहा है कि जल्द ही इसे लेकर कार्यवाही होगी।



