एनआरपी डेस्क
लखनऊ: अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की ओर से भारतीय उत्पादों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के फैसले का असर उत्तर प्रदेश के एक्सपोर्ट्स पर दिखने लगा है। टैरिफ की घोषणा के बाद से हजारों करोड़ रुपये के ऑर्डर होल्ड पर कर दिए गए हैं। टैरिफ का सबसे ज्यादा असर कालीन उद्योग के साथ ही बनारसी सिल्क फैब्रिक उद्योग में दिखेगा। बनारस, भदोही, मीरजापुर समेत पूर्वांचल से कालीन के अलावा सोफा व कुशन कवर, ब्रोकेड, पंजा दरी, वॉल हैंगिंग, जरी जरदोजी, स्टोन कार्विंग के सजावटी समान, गुलाबी मीनाकारी वाली कलाकृतियों का होने वाले 10 हजार करोड़ के निर्यात में अमेरिका का हिस्सा 50 फीसदी के आसपास है। अभी 25 प्रतिशत ही टैरिफ लगने से पूर्वांचल के निर्यातकों के एक हजार करोड़ के ऑर्डर अटक गए हैं। मुंबई में बंदरगाह पर पहुंचे कंटेनरों को जहाजों पर लोड़ करने से पहले ही रोकना पड़ा है। वहीं, कारखानों में बने रहे तैयार उत्पादों को लेकर भी कारोबारी चिंतित हैं। फिलहाल नए ऑर्डर नहीं मिलने से पूर्वांचल के 50 लाख से ज्यादा कामगारों पर संकट के बादल छाए हैं। इनमें सबसे ज्यादा 30 लाख से ज्यादा श्रमिक कालीन नगरी भदोही के हैं। टेक्सटाइल व अन्य उत्पादों की अपेक्षा कालीन उद्योग का 95 फीसदी माल एक्सपोर्ट होता है। निर्यातकों की माने तो अमेरिकी खरीदार 25 से 30 प्रतिशत छूट देने का दबाव बना रहे हैं। यदि अमेरिकी खरीदार छूट देने पर अड़े रहे तो बंदरगाह और कारखानों में पड़े माल पर भी निर्यातकों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।



