एनआरपी डेस्क
लखनऊ। जिले में उद्यमिता को प्रोत्साहन देने के लिए इस बार बैंकों ने एमएसएमई सेक्टर के लिए कर्ज का बड़ा लक्ष्य तय किया है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में बैंकों ने 45,158.54 करोड़ रुपये का कर्ज बांटने का लक्ष्य निर्धारित किया है। यह पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले 13,658 करोड़ रुपये अधिक है। राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की जिला स्तरीय रिपोर्ट के अनुसार, 42,506 लाभार्थियों को इस वित्तीय वर्ष में एमएसएमई के तहत कर्ज दिया जाएगा। पिछले साल तय 31,500.14 करोड़ के लक्ष्य के मुकाबले 31 मार्च 2025 तक केवल 21,583 करोड़ रुपये का ही कर्ज वितरित हो सका था, जो लक्ष्य का 68.52 प्रतिशत है। रिपोर्ट में बताया गया है कि एमएसएमई सेक्टर में कर्ज वितरण बढ़ने के साथ ही जिले में लघु उद्योगों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हो रहा है। अर्थ एवं संख्या प्रभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, 2022-23 में प्रति लाख जनसंख्या पर 700 लघु उद्योग थे, जो 2023-24 में बढ़कर 887 हो गए। (संवाद)
उद्यमिता के नए अवसर भी तेजी से खुल रहेः लखनऊ में एमएसएमई के तहत 2.10 लाख से ज्यादा कंपनियां पंजीकृत हैं। इनमें से 40 हजार मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में हैं, जबकि 1.73 लाख कंपनियां सर्विस सेक्टर से जुड़ी हैं। वढ़ते कर्ज वितरण के साथ ही जिले में रोजगार और उद्यमिता के नए अवसर भी तेजी से खुल रहे हैं।
उद्यमिता के नए अवसर भी तेजी से खुल रहेः लखनऊ में एमएसएमई के तहत 2.10 लाख से ज्यादा कंपनियां पंजीकृत हैं। इनमें से 40 हजार मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में हैं, जबकि 1.73 लाख कंपनियां सर्विस सेक्टर से जुड़ी हैं। वढ़ते कर्ज वितरण के साथ ही जिले में रोजगार और उद्यमिता के नए अवसर भी तेजी से खुल रहे हैं।



